Lok Saba Elections 2024: मैनपुरी से आसनसोल तक, BJP ने इन दिग्गजों पर जताया भरोसा, 10वीं लिस्ट से भी कैसरगंज नदारद
Lok Saba Elections 2024: भाजपा (BJP) ने लोकसभा चुनाव के लिए बुधवार को यानी आज अपनी 10वीं लिस्ट जारी की. 10वीं लिस्ट में 9 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई है. लिस्ट में उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से लेकर आसनसोल तक के प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया है. हालांकि, यूपी की सबसे हॉट सीटों में से एक कैसरगंज के लिए अभी भी प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं किया गया है.
Lok Saba Elections 2024: भारतीय जनता पार्टी (BJP) की केंद्रीय चुनाव समिति ने होने वाले आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपनी 10वीं लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट में उत्तर प्रदेश की 7, पश्चिम बंगाल की एक और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ की एक सीट के लिए प्रत्याशी के नाम का ऐलान किया है. उत्तर प्रदेश के लिए भाजपा की ये तीसरी लिस्ट हैं. भाजपा ने यूपी की 80 में से अब तक 70 सीटों के लिए प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है. बाकी बची 10 में से 5 सीटों पर एनडीए में शामिल दलों के प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जबकि बाकी ोबची 5 सीटों के लिए भाजपा की ओर से उम्मीदवारों की घोषणा बाकी है. उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर सभी 7 चरणों में वोटिंग कराई जाएगी.
उत्तर प्रदेश की 7 लोकसभा सीटों पर भाजपा ने जिन उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है, उनमें मैनपुरी से जयवीर सिंह ठाकुर, कौशांबी से विनोद सोनकर, फूलपुर से प्रवीण पटेल, इलाहाबाद से नीरज त्रिपाठी, बलिया से नीरज शेखर, मछलीशहर से बीपी सरोज और गाजीपुर से पारस नाथ राय शामिल हैं.
भाजपा ने जिन 7 प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा है, उनमें से दो प्रत्याशी यूपी के कद्दावर नेताओं के बेटे हैं. इसके अलावा, पार्टी नो दो वर्तमान विधायकों को भी सांसद के चुनाव में उतारा है, जबकि दो सांसदों का टिकट भी काटा गया है. उत्तर प्रदेश सरकार में शामिल एक मंत्री को भी चुनावी मैदान में उतारा गया है.
कौन हैं यूपी के 7 सीटों पर उतारे गए प्रत्याशी?
- मैनपुरी से भाजपा ने जयवीर सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है. जयवीर सिंह उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री हैं. जयवीर सिंहका मुकाबला समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव से होगा. 2019 के चुनाव में भाजपा ने इस सीट से रघुराज शाक्य को टिकट दिया था.
- भाजपा ने गाजीपुर लोकसभा सीट से अफजाल अंसारी के सामने पारस नाथ राय को चुनावी मैदान में उतारा है. पारस नाथ राय जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के करीबी नेता माने जाते हैं. उन्होंने भाजपा संगठन और आरएसएस के साथ लंबे समय तक काम किया है. पहली बार चुनावी मैदान में पारस नाथ राय किस्मत आजमाने जा रहे हैं.
- लोकसभा सीट बलिया से भाजपा ने वर्तमान सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त का टिकट काट दिया है. उनकी जगह पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर को पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है.
- उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष केसरीनाथ त्रिपाठी के बेटे नीरज त्रिपाठी को इलाहाबाद से प्रत्याशी बनाया गया है. यहां से भी पार्टी ने अपनी वर्तमान सांसद रीता बहुगुणा जोशी का टिकट काट दिया है.
- वहीं, फूलपुर के विधायक प्रवीण पटेल को भाजपा ने सांसद का चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतारा है. इसके अलावा, आरक्षित सीट मछलीशहर और कौशांबी से बीपी सरोज और विनोद सोनकर को प्रत्याशी बनाया गया है. विनोद सोनकर फिलहाल फूलपुर विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक हैं.
कैसरगंज पर सस्पेंस बरकरार
उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से एक कैसरगंज पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है. भाजपा ने अपनी 10वीं लिस्ट में यूपी की 7 लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया, जिसमें कैसरगंज नहीं था. फिलहाल, कैसरगंज से बृजभूषण शरण सिंह सांसद है. सूत्रों के मुताबिक, भाजपा कैसरगंज सीट पर कैंडिडेट के लिए अभी भी मंथन कर रही है.
चंडीगढ़ से कटा किरण खेर का टिकट, इन्हें मिली जिम्मेदारी
भाजपा ने केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ से संजय टंडन को टिकट दिया है. यानी यहां से वर्तमान सांसद किरण खेर का भाजपा ने टिकट काट दिया है. आइए, जानते हैं कौन हैं संजय टंडन?
10 सितंबर 1963 को जन्में संजय टंडन चंडीगढ़ भाजपा के अध्यक्ष हैं. उनके पिता बलरामजी दास टंडन पंजाब भाजपा के नेता था. संजय टंडन इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के फेलो सदस्य हैं और इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के एसोसिएट सदस्य भी हैं. संजय टंडन की हाई स्कूल की पढ़ाई चंडीगढ़ के सेक्टर 8 स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल से हुई है. उन्होंने गवर्नमेंट कॉलेज- 11, चंडीगढ़ से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है.
वे चंडीगढ़ प्रशासन के प्रशासक सलाहकार परिषद के साथ-साथ स्थायी समिति, कानून एवं व्यवस्था, गृह विभाग, चंडीगढ़ प्रशासन के सदस्य भी हैं. उन्होंने स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद के डायरेक्टर के रूप में कार्य किया है. इसके अलावा, वे नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के डारेक्टर भी रह चुके हैं.
भाजपा के लिए निभाई कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां
संजय टंडन ने 1991 में अपना पॉलिटिकल करियर शुरू किया था. तब उन्हें भाजपा ने अमृतसर में लोकसभा चुनाव का प्रभारी बनाया था. 1993 में उन्होंने जालंधर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के लिए लोकसभा चुनाव के चुनाव प्रभारी की भूमिका निभाई थी.
1995 में चंडीगढ़ में भाजपा कार्यकारिणी के सदस्य बनाए गए थे. 2 साल बाद यानी 1997 और 2002 में उन्हें राजपुरा (पंजाब) से विधानसभा चुनाव का प्रभारी बनाया गया था. 5 साल बाद यानी 2007 में संजय टंडन को चंडीगढ़ भाजपा का महासचिव बनाया गया. साल 2009 में सत्यपाल जैन ने भाजपा के लिए चंडीगढ़ से चुनाव लड़ा था, तब संजय टंडन को लोकसभा चुनाव का प्रभारी बनाया गया था. 2010 में उन्हें चंडीगढ़ भाजपा का अध्यक्ष चुना गया था. जनवरी 2013 में उन्हें एक बार फिर से ये जिम्मेदारी दी गई.
पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट से दूसरी बार प्रत्याशी की घोषणा
लिस्ट में पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट से दूसरी बार प्रत्याशी की घोषणा की गई है. इससे पहले भाजपा की पहली लिस्ट में आसनसोल से पार्टी ने भोजपुरी सिंगर और एक्टर पवन सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन घोषणा के एक दिन बाद ही पवन सिंह ने इस सीट से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था.
आसनसोल से पवन सिंह के चुनाव लड़ने से इनकार के बाद भाजपा ने एसएस अहलुवालिया को टिकट दिया है, जिनका मुकाबला तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी शत्रुघ्न सिन्हा से होगा. शत्रुघ्न सिन्हा फिलहाल आसनसोल से सांसद हैं.
कौन हैं एसएस अहलूवालिया?
एसएस अहलूवालिया फिलहाल बर्दवान-दुर्गापुर सीट से भाजपा के सांसद हैं. अहलूवालिया अपने ज्ञान के कारण 'गूगल गुरु' के नाम से जाने जाते हैं. पीएम मोदी भी कई बार उन्हें इस नाम से पुकारते हैं. अहलूवालिया की टेक्निकल जानकारी के कारण कई बार उनके स्वागत के लिए लगाए गए पोस्टर-बैनर में उनके नाम के आगे गूगल अंकल भी लिखा हुआ देखा गया है.
बंगाल से भाजपा के सांसद 72 साल का अहलूवालिया इससे पहले बिहार और झारखंड से राज्यसभा सांसद रह चुके हैं. भाजपा में 1999 में शामिल होने से पहले अहलूवालिया कांग्रेस के नेता हुआ करते थे.
Also Read
- BJP ने लोकसभा चुनाव में क्यों बुला लीं विदेश की दो दर्जन पार्टियां? पाक, चीन को रखा किनारे, आखिर क्या है प्लान?
- लोकसभा चुनावों में बार-बार हो रही आधी आबादी की बात, पर पहले चरण में कितनी महिला उम्मीदवार को मिला टिकट
- जाति, धर्म और जनगणना की गारंटी से रुकेगी मोदी लहर! क्यों लोकसभा चुनाव में मुद्दों से ज्यादा इन पर हो रही बात