Modi ka Parivar: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए चुनावी मैदान सजकर तैयार हो चुका है. राजनीतिक घरानों के युवा इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. बीजेपी और पीएम मोदी परिवारवाद की राजनीति को लेकर विपक्ष पर जोरदार हमला बोलते रहते हैं. लेकिन उनकी पार्टी के गठबंधन में शामिल दलों में परिवारवाद खूब है. राजनीतिक घरानों की नई पीढ़ी के लिए यह चुनाव लॉन्चिंग पैठ की तरह तैयार है, जिसमें नेता अपनी नई पीढ़ी को लॉन्च करने के लिए उतार रहे हैं.
बिहार में वंशवाद और परिवारवाद की नई पौध को सियासत में रोपने का सिलसिला यहीं नहीं खत्म हो रहा. पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के पुत्र अंशुल अभिजीत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह के पुत्र विकास सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री केदार पांडे के प्रपौत्र शाश्वत पांडे भी इस बात चुनाव मैदान में हाथ आजमाने जा रहे हैं. इसके साथ ही इनकी राजनीति में इंट्री होने जा रही है. भाजपा ने भी अपने दिग्गज नेता सीपी ठाकुर के पुत्र विवेक ठाकुर को टिकट दिया है.
राजनीतिक वंशवाद की नई पौध में सबसे चर्चित नाम रोहिणी आचार्य का है. रोहिणी अपने बीमार पिता लालू प्रसाद यादव को किडनी दान कर सुर्खियों में आई थीं. वह रोहिणी सारण लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी. इसके लिए उन्होंने चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है. लालू परिवार में उनकी पत्नी राबड़ी देवी विधान पार्षद, पुत्र तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव विधायक, पुत्री मीसा भारती राज्यसभा सांसद हैं. राबड़ी के दो भाई साधु यादव और सुभाष यादव पहले से ही सियासत में हैं. हालांकि, यह अलग बात है कि अब मतभेद के कारण लालू परिवार से दोनों ने दूरी बना ली है.
चाचा पशुपति पारस को कूटनीति में मात देने वाले लोजपा (आर) के मुखिया और दिवंगत रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान ने तीन सीटों पर उम्मीदवारों को उतार दिया है. चिराग पिता की परंपरागत सीट हाजीपुर से चुनाव लड़ रहे हैं. अपनी सीट जमुई से बहनोई अरुण भारती को टिकट दिया है. वहीं समस्तीपुर सीट से शांभवी चौधरी को टिकट दिया है. शांभवी जदयू के दिग्गज नेता और नीतीश सरकार में मंत्री अशोक चौधरी की बेटी हैं. अरुण और शांभवी लोकसभा चुनाव से ही सियासी पारी शुरू करने जा रहे हैं.
वंशवाद की तीन नई पौध सियासत में आने की कतार में हैं. इनमें कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मीरा कुमार के पुत्र अंशुल अभिजीत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के पुत्र विकास सिंह और पूर्व सीएम केदार पांडे के प्रपौत्र शाश्वत पांडे का चुनाव लड़ना तय है. कांग्रेस और राजद की ओर से इनके लिए सुरक्षित सीटों की तलाश जारी है. सहमति बनते ही उम्मीदवारी की घोषणा कर दी जाएगी.
बिहार की राजनीति में नई पीढ़ियां तो आगे आ रही हैं, लेकिन वंशवाद के पुराने वटवृक्ष पहले की तरह ही सियासत में कायम हैं. मसलन, बाहुबली आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद शिवहर से जदयू की उम्मीदवार हैं. उनका बेटा विधायक है. भाजपा ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे सीपी ठाकुर के बेटे विवेक ठाकुर को नवादा से उम्मीदवार बनाया है.
बाहुबली और राजद से विधायक, सांसद रहे शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब सीवान सीट से उम्मीदवार होंगी. इसके अलावा कांग्रेस से निराश हुए बाहुबली पप्पू यादव पूर्णिया से उम्मीदवार हैं. उनकी पत्नी रंजीता रंजन कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य हैं.
पश्चिम चंपारण से भाजपा उम्मीदवार संजय जायसवाल पूर्व सांसद मदन जायसवाल के पुत्र हैं. मधुबनी से भाजपा उम्मीदवार अशोक यादव पूर्व मंत्री हुकुमदेव नारायण यादव और औरंगाबाद से भाजपा प्रत्याशी सुशील कुमार सिंह पूर्व सांसद रामनरेश सिंह के पुत्र हैं. वाल्मीकिनगर से जदयू उम्मीदवार सुनील कुमार पूर्व मंत्री वैद्यनाथ महतो के पुत्र हैं. वैशाली से लोजपा (रा) प्रत्याशी वीणा देवी पार्टी के एमएलसी दिनेश सिंह की पत्नी हैं. सीवान में जदयू प्रत्याशी विजयलक्ष्मी कुशवाहा पार्टी के पूर्व विधायक रमेश कुशवाहा की पत्नी हैं.