Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी को ठाकुरों का भारी विरोध झेलना पड़ रहा है. ठाकुरों का विरोध यूपी से लेकर गुजरात तक देखने को मिल रहा है. इन्ही ठाकुरों ने कभी बीजेपी को वोट बैंक को बढ़ाया था लेकिन अब बीजेपी के खिलाफ खड़े नजर आ रहे हैं. यूपी की अगर हम बात करें तो प्रदेश की राजनीति में योगी आदित्यनाथ के उभरने के बाद क्षत्रियों का वोट पूरी तरह से बीजेपी में शिफ्ट हुआ था.
गुजरात में बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रुपाला की ओर से क्षत्रिय समाज को लेकर की गई विवादित टिप्पणी के बाद क्षत्रिय समाज में नाराजगी जारी है. इसके अलावा अब यूपी में भी ठाकुरों की नाराजगी सामने आ रही है. पश्चिमी यूपी के कई जिलों में ठाकुरों ने महापंचायत कर आगामी चुनाव में बीजेपी का विरोध करने का ऐलान किया है.
आइए जानते हैं बीजेपी के समर्थन में कभी खुलकर उतरने वाले ठाकुरों का आज बीजेपी से मोहभंग क्यों हो गया है. दरअसल, गुजरात में परशोत्तम रुपाला के बयान और यूपी में बीजेपी की ओर से ठाकुरों को कथित तौर पर नजरअंदाज करने के बाद ठाकुर अब बीजेपी के खिलाफ आ गए हैं.
यूपी के मेरठ और सहारनपुर मंडल में बीजेपी ने किसी ठाकुर समाज के नेता को उम्मीदवार नहीं बनाया है. इसके बाद ठाकुरों ने महापंचायत में इस बात पर जोर दिया कि ठाकुर नेताओं को टिकट नहीं दिए जाने से गलत संदेश गया है. ऐसे में बीजेपी को हमें अपनी ताकत दिखानी जरूरी है.
गुजरात की अगर हम बात करें तो यहां भी बीजेपी क्षत्रिय समाज से नाराज चल रही है. दरअसल, बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रुपाला की ओर से बीते दिनों एक टिप्पणी की गई थी जिसके बाद क्षत्रिय समाज में गुस्सा देखने को मिल रहा है.
परशोत्तम रुपाला ने हाल में ही एक दलितों की सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि राजा विदेशी शासकों के सामने झुकते थे और उनके साथ रोटी तोड़कर और अपनी बेटियों की शादी करके मैत्रीपूर्ण संबंध बनाते थे तब दलितों ने ही हथियार उठाकर लगाई जारी रखी थी. रुपाला के इस बयान से नाराज चल रहे क्षत्रिय समाज के लोगों ने बीजेपी को उनका टिकट काटने का अलटिमेटम दे दिया है.