Asaduddin Owaisi Family: हैदराबाद की राजनीति असदुद्दीन ओवैसी के बिना अधूरी मानी जाती है. ओवैसी आए दिन अखबारों और टीवी चैनलों में सुर्खियों में बने रहते हैं. उन्हें धर्मनिरपेक्ष दलों को उनकी विफलताओं के लिए लताड़ते और मुसलमानों, दलितों के बीच सामाजिक गठबंधन बनाते हुए देखा जाता है. आइए जानते हैं ओवैसी परिवार के नवाब से सुल्तान और राजनेता बनने तक के सफर की कहानी.
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का जन्म 13 मई 1969 को हुआ था. ओवैसी के पिता सुल्तान सलाहुद्दीन ओवैसी हैदराबाद के एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं. ओवैसी का एक छोटा भाई भी है जिनका नाम अकबरुद्दीन ओवैसी है. वह अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. असदुद्दीन ओवैसी ने साल 1996 को फरहीन ओवैसी से शादी की थी. उनके एक बेटे और पांच बेटियां हैं. ओवैसी के दादा अब्दुल वाहेद ओवैसी ने साल 1957 को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन नामक पार्टी का स्थापना किया.
सुल्तान सलाहुद्दीन ओवैसी लगातार छह बार हैदराबाद से सांसद रहे हैं. साल 1976 में उन्होंने अपने पिता की मृत्यु के बाद मजलिस की अध्यक्षता संभाली. उन्होंने बहुत कम उम्र में राजनीति में कदम रखा था. सलाहुद्दीन ओवैसी को सालार-ए-मिल्लत के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने अपने भाषणों में कई बार यह आरोप लगाया है कि भारतीय राज्य ने मुसलमानों को उनके भाग्य पर छोड़ दिया इसलिए मुसलमानों को मदद के लिए राज्य की ओर देखने के बजाय अपने पैरों पर खड़ा होना चाहिए.
असदुद्दीन ओवैसी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष हैं. वह 4 बार से संसद के सदस्य हैं, ओवैसी हैदराबाद लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. ओवैसी को रॉयल इस्लामिक स्ट्रेटेजिक स्टडीज सेंटर (आरआईएसएससी) द्वारा दुनिया के 500 सबसे प्रभावशाली मुसलमानों में सूचीबद्ध किया गया है.
असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन की अगर हम बात करें तो वह अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं. वह एआईएमआईएम के सक्रिय सदस्य हैं और साल 2014 से वह तेलंगाना के चंद्रायनगुट्टा सीट से विधायक हैं. उनकी पत्नी का नाम सबीना फरजाना है. इस दंपति के एक बेटी और एक बेटा है.