Lok Sabha Elections 2024 : अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट से पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के नाम की घोषणा के साथ ही इस सीट पर मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है. यह जम्मू-कश्मीर में सबसे हाई-प्रोफाइल सीट बन गई है. मुफ्ती का मुकाबला डीपीएपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार गुर्जर नेता मियां अल्ताफ अहमद और अपनी पार्टी के पहाड़ी नेता जफर इकबाल मन्हास से होगा. हालांकि, बीजेपी ने अभी तक इस सीट के लिए अपने उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है.
पीडीपी के इस ऐलान के बाद जम्मू कश्मीर में इंडिया गठबंधन में फूट जाहिर हो गई है. अनंतनाग राजौरी लोकसभा सीट से महबूबा मुफ्ती चुनाव लड़ने जा रही हैं. इस सीट महबूबा मुफ्ती 2014 में लोकसभा का चुनाव जीत चुकी हैं, जबकि 2019 के आम चुनाव में यह सीट नेशनल काॉफ्रेंस के पाले में गई थी और यहां से नेशनल कांफ्रेंस के उम्मीदवार जस्टिस हसनैन मसूदी ने जीत हासिल की थी.
करीब पांच दशक तक कांग्रेस की राजनीति करने वाले गुलाम नबी आजाद ने 2020 में हाथ का साथ छोड़कर अपनी अलग डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद नाम से पार्टी का गठन किया. अब वो अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं.
ऐसे में जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर महबूबा मुफ्ती और गुलाम नबी आजाद के बीच टक्कर है. दोनों ही जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री के साथ-साथ सांसद भी रह चुके हैं. ऐसे में अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प होने के आसार हैं और यह हॉट सीट बनती जा रहा है.
अनंतनाग राजौरी लोकसभा सीट पर कुल 18, 30, 294 मतदाता हैं. जिनमें करीब 4.30 लाख गुर्जर वोटर, पहाड़ी समुदाय के 3 लाख के करीब, 1.5 के करीब OBC कोटे से आने वाले वोटर हैं, वहीं 9 लाख के तकरीबन कश्मीरी मुस्लिम वोटर्स हैं.
नेशनल कांफ्रेंस (NC) ने यहां से मिया अल्ताफ को अपना उम्मीदवार बनाया है जो गुर्जर समुदाय से आते हैं और एक धार्मिक नेता भी हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि गुर्जर समुदाय के ज्यादातर लोग उनके पक्ष में वोट कर सकते हैं. वहीं अगर बीजेपी इस सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतरती है तो गुलाम नबी आजाद के पक्ष में पहाड़ी समुदाय का भी वोट आ सकता है. क्योंकि हाल ही में बीजेपी ने पहाड़ी समुदाय के लोगों को रिजर्वेशन का लाभ दिया है.
इस सीट पर कश्मीरी मुस्लिम समुदाय के वोटरों की संख्या करीब 9 लाख है. ये वोट महबूबा मुफ्ती, गुलाम नबी आजाद और मिया अल्ताफ के बीच बांटने के आसार हैं. ताजा सियासी समीकरण के हिसाब से अगर बीजेपी यहां अपना उम्मीदवार नहीं उतारती है तो गुलाम नबी आजाद को बढ़त मिल सकती है. वहीं यह क्षेत्र महबूबा मुफ्ती का गृह क्षेत्र भी है. ऐसे गुलाम नबी आजाद को महबूबा मुफ्ती कड़ी टक्कर देती हुई नजर आएंगी. यहां तीसरे चरण में 7 मई को वोटिंग होनी है.