जगन रेड्डी के विधायक का आतंक, तोड़ डाली वोटिंग मशीन, गुंडागर्दी हुई VIRAL
YSRCP के विधायक रामकृष्ण रेड्डी ने एक एटीएम मशीन तोड़ डाली है. आंध्र प्रदेश चुनाव आयोग ने उनके खिलाफ जांच शुरू की है.
सत्ता का नशा सबसे बुरा होता है. अगर नेता सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक हों तो उनके लिए कोई नियम-कानून मायने नहीं रखते. आंध्र प्रदेश के YSRCP विधायक पी रामकृष्ण रेड्डी की हरकतें कुछ ऐसी ही हैं. उन्होंने पोलिंग बूथ में घुसकर ईवीएम मशीन उठाकर पटक दी. पीठासीन अधिकारी भी उनकी इस हरकत को देखते रह गए. वें गुंडों की तरह आए और हंगामा मचा दिया.
चुनाव आयोग ने विधायक के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. यह वीडियो 13 मई का बताया जा रहा है. चुनाव आयोग ने कहा है कि उन्होंने वीडियो को पुलिस के हवाले कर दिया है. जांच में अब पुलिस, चुनाव आयोग की मदद कर रहा है.
'EVM को उठाया और पटक दिया'
आंध्र प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने पुलिस से मदद मांगी है. उन्होंने कहा है, 'मचर्ला विधानसभा क्षेत्र के पोलिंग स्टेशन नंबर 202 और 7 मतदान केंद्रों पर ईवीएम को तोड़ने की घटना सामने आई है. मौजूदा विधायक पी रामकृष्ण रेड्डी ईवीएम तोड़ते नजर आए हैं. पालनाडु जिला चुनाव अधिकारियों ने ऐसे सभी मतदान केंद्रों के वीडियो फुटेज पुलिस को सौंप दिए हैं.'
हरकत में आया चुनाव आयोग
चुनाव आयोग ने विधायक का नाम आरोपी के तौर पर शामिल किया है. चुनाव आयोग इस प्रकरण को गंभीरता से ले रहा है. सीईओ मुकेश कुमार मीना को इस हमले में शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने के लिए डीजीपी को निर्देश देने की भी बात कही गई है.
'हार के डर से तोड़ रहे ईवीएम'
विपक्षी नेता और तेलुगु देशम पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव नारा लोकेश ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की पार्टी के विधायक ने चुनाव में हार के डर से ईवीएम तोड़ने का फैसला किया है. उन्होंने एक वीडियो भी शेयर किया है.
जगन मोहन पर फूटा लोगों का गुस्सा
नारा लोकेश ने लिखा है, 'YS जगन मोहन रेड्डी ने न केवल अपने चाचा की हत्या की, बल्कि उन लोगों की भी हत्या की, जिन्होंने उन्हें वोट दिया. अंततः लोकतंत्र को भी मार डाला. YCP विधायक पिन्नेली रामकृष्ण रेड्डी ने माचरला निर्वाचन क्षेत्र के पलवई गेट मतदान केंद्र पर ईवीएम में तोड़फोड़ की. मैं मांग करता हूं चुनाव आयोग पिन्नेल्ली राम कृष्ण रेड्डी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे, जिन्होंने हार के डर से ईवीएम में तोड़फोड़ की. लोग 4 जून को वाईसीपी की राजनीति पर असली फैसला देने जा रहे हैं.'
13 मई के बाद राज्य में भड़की थी हिंसा
आंध्र प्रदेश में 13 मई को एक ही चरण में चुनाव हुए थे. यहां की संसदीय सीटों और विधानसभा सीटों पर एकसाथ मत पड़े थे. मतदान के बाद राज्य में कुछ जगहों पर हिंसा भड़की थी.