'अब कभी नहीं लड़ूंगा चुनाव...', अचानक ऐसा क्यों बोलने लगे बृजभूषण शरण सिंह?

कैसरगंज सीट से बीजेपी ने बृजभूषण शरण सिंह को इसबार उम्मीदवार नहीं बनाया है. उनके बेटे करण भूषण को चुनावी मैदान में उतारा है.

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दबदबा था दबदबा है और दबदबा रहेगा...ये कहने वाले भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के इस बार के बयान से पूरा प्रदेश स्तब्ध है. हाल ही में उनके द्वारा एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ अपने संबंधों को साफ करते हुए, बहुत से सियासी मुद्दों पर बात किया है. इस इंटरव्यू से कुछ दिन पहले दिए गए इंटरव्यू में बृजभूषण सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को अपना नेता माना था.

इस बार के एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बृजभूषण ने साफ तौर पर कहा कि "मैं अब जीवन में कभी भी चुनाव नही लडूंगा. मेरे पास करने के लिए कई सारे काम हैं." बता दें की इस बार बीजेपी ने कैसरगंज लोकसभा सीट से कुश्ती संघ में हुए विवाद के कारण इनको टिकट नहीं दिया, हालांकि की इनकी जगह उसी सीट पर इनके छोटे बेटे करण भूषण को  चुनावी मैदान में उतारा है. आपको बता दें की इसी इंटरव्यू के दौरान बृज भूषण ने सीएम योगी के साथ अपने संबंधों का जिक्र करते हुए. उन्हें बताया की सीएम योगी को वो अपना गुरु भाई मानते है. उनके अनुसार वह दोनो लोग एक ही गुरु के शिष्य हैं. इसी बीच उन्होंने अपने साथ हुई, साजिशों का भी खुलासा किया.

खुद को बताए सीएम का मित्र 

बृज भूषण शरण सिंह ने इंटरव्यू में अपने और उत्तर प्रदेश के सीएम के साथ अपने संबंधों को साफ करते हुए कहा कि वो हमारे मित्र हैं. उन्होंने ने यह भी बताया कि " हम दोनो एक ही गुरु के शिष्य रहे हैं." हमारे गुरु मुझे योगी से कम नहीं समझते थे. उन्होंने खुद को घोषित शिष्य बताते हुए कहा कि हम दोनो अच्छे मित्र हैं.

कैसरगंज के लोकसभा उम्मीदवार को लेकर क्या बोले बृज भूषण 

उन्होंने ने साजिश का नाम देते हुए कहा कि मेरे बेटे करण को बीजेपी ने एक साजिश के तहत कैसरगंज से टिकट दिया है. उन्होंने बताया कि ' मैं कारण भूषण को कुश्ती संघ का चुनाव लड़वाना चाहता था.' उसी को रोकने के लिए इतनी बड़ी साजिश रची गई.

मंत्री पद न मिलने पर क्या बोले बृज भूषण 

36 साल सांसद रहने के बाद भी मंत्री न बनने के सवाल पर बृज भूषण ने कहा कि बहुत कम लोग हैं. जिन्हें इतना सम्मान मिलता है इतनी बार सांसद रहेने के बाद भी मैं मंत्री नहीं बन पाया लेकिन मुझे वही सम्मान मिलता है. उन्होंने बताया कि शुरू में ही मेरे उपर बाहुबली का आरोप लगा दिया गया, जिसका खामियाजा मैं आज भी भोग हूं. कांग्रेस ने मेरे साथ 1966 में खेल खेला था. तब उस वक्त मेरी पत्नी को चुनाव लड़ना पड़ा और वो सांसद बनी. इस बार भी कांग्रेस खेल, खेल रही है. तो इस बार मेरे बेटे करण सांसद बनेंगे. यह भी एक संयोग है. मैं भी 33 साल की उम्र में पहली बार सांसद बना था और करण की उम्र भी 33 साल ही है.