अमित शाह हैं पीएम मोदी के वारिस? बिहार की भरी रैली में प्रधानमंत्री ने दे दिया जवाब
PM Modi Rally: बिहार की एक चुनावी रैली में पीएम मोदी ने कहा है कि उनकी कोई विरासत नहीं है. उन्होंने INDIA गठबंधन और आरजेडी पर भी जमकर हमला बोला.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक चुनावी रैली में अपने वारिस को लेकर जवाब दिया है. इससे पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि पीएम मोदी अगले साल रिटायर हो जाएंगे और अमित शाह को अपना वारिस यानी अगला प्रधानमंत्री बना देंगे. इस पर जवाब देते हुए पीएम मोदी ने जनता से कहा है कि वही उनकी विरासत है और जनता ही उनकी वारिस भी है. पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें जनता और उनके बच्चों का भविष्य उज्ज्वल बनाना है इसलिए वह दिन-रात मेहनत करेंगे. पीएम मोदी बिहार के महाराजगंज में चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे थे.
INDIA गठबंधन पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'जैसे-जैसे 4 जून पास आ रही है, मोदी के लिए इंडी वालों की गालियों और बद्दुआओं की संख्या बढ़ती ही जा रही है. इनसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है कि मोदी को देश की जनता अगले पांच साल के लिए फिर से चुनने जा रही है.' बिहार के बारे में पीएम मोदी ने कहा कि बिहार की मान-मर्यादा, बिहारियों का सम्मान इंडी गठबंधन वालों के लिए कोई मायने नहीं रखता.
'मेरी अपनी कोई विरासत नहीं...'
एक चुनावी रैली में पीएम मोदी ने कहा, 'मैं आपको गारंटी देता हूं, मैं आपके लिए दिन-रात मेहनत करूंगा, पहले से भी ज्यादा मेहनत करूंगा. मुझे आपके लिए, आपके भविष्य के लिए, आपके बच्चों के भविष्य के लिए विकसित बिहार बनाना है, विकसित भारत बनाना है. मेरी अपनी कोई विरासत नहीं है, मेरी विरासत भी आप हैं और मेरे वारिस भी आप हैं. इसलिए मुझे आपका और आपके बच्चों का भविष्य उज्ज्वल बनाना है.'
लालू प्रसाद यादव और उनकी पार्टी पर तंज कसते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'जिन्होंने बिहार को जंगलराज दिया, नौजवानों को पलायन दिया, परिवारों को गरीबी दी. जिन्होंने बिहार के लोगों को मारा, तड़पाया, माताओं-बहनों का जीवन बर्बाद किया. जो लोग आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे हैं, जिन्हें अदालत ने दोषी साबित किया है. इन लोगों की आंखों में मोदी चौबीसों घंटे खटकता है लेकिन इनकी लाख कोशिशों के बावजूद मैं आपकी सेवा में डटा रहूंगा.'
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परिवारवाद का आरोप लगाते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'इंडी गठबंधन का मंच, राजनीतिक मंच नहीं, लाखों-करोड़ के घोटालेबाजों का सम्मेलन लगता है. इनके मंच पर करीब 20 लाख करोड़ रुपये के घोटालेबाज एक साथ बैठते हैं. जब ये इकट्ठा होते हैं, तब इनमें तीन बुराइयां साफ नजर आती हैं- घोर कम्युनल हैं. घोर जातिवादी हैं. घोर परिवारवादी हैं.'