हैदराबाद लोकसभा सीट जिस पर दशकों से राज कर रहा AIMIM का परिवार
Hyderabad Lok Sabha Seat: तेलांगाना की सबसे हॉट लोकसभा सीट हैदराबाद पर बीते चार दशकों से ओवैसी परिवार सत्ता में रहा है. इस बार बीजेपी ने असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ तमिल और तेलुगु फिल्म की अभिनेत्री माधवी लता को अपना उम्मीदवार बनाया है.
Hyderabad Lok Sabha Seat: तेलंगाना की हैदराबाद लोकसभा सीट, अक्सर सुर्खियों में रहती है. हैदराबाद को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन का गढ़ कहा जाता है. इस लोकसभा सीट पर असदुद्दीन ओवैसी के परिवार का दबदबा है. उनके पिता सलाहुद्दीन ओवैसी, इस सीट से सांसद रहे. 40 साल में कोई ऐसी सियासी पार्टी सामने नहीं जिसने ओवैसी परिवार को उनके गढ़ में हार का स्वाद चखाया हो. ओवैसी परिवार, इस सीट पर बीते 40 साल से काबिज है. लोकसभा चुनाव 2024 में चौथे चरण के तहत इस सीट पर वोटिंग हुई. इस सीट पर बीजपेी की माधवी लता और AIMIM प्रमुख असदुददीन ओवैसी के बीच मुख्य लड़ाई है. देखना होगा क्या इस बार बीजेपी, AIMIM का दबदबा खत्म कर पाएगी ?
आपको बता दें की हैदराबाद लोकसभा सीट अनारक्षित है.तेलांगना प्रदेश की इस सीट पर 80 के दशक यानि 1984 से ओवैसी परिवार का कब्जा रहा है. पहले बाप और अब बेटा इन दोनो की ही जुगलबंदी पिछले 40 साल से इस सीट पर अपना पैर जमाए हुए है.असदुद्दीन ओवैसी के पिता सलाहुद्दीन ओवैसी ने पहली बार 1984 में हैदराबाद लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी .हैदराबाद लोकसभा सीट पर मुस्लिम वोटों की बहुलता है. आंकड़ों की माने तो यहां 11.5 लाख से भी अधिक मुस्लिम मतदाता हैं.
2024 में हैदराबाद लोकसभा सीट से पार्टियों के उम्मीदवार
पिछले 4 बार की तरह 1 बार फिर AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी मैदान में है. देखा जाए तो उनके खिलाफ BJP ने तमिल और तेलुगु फिल्म की अभिनेत्री माधवी लता को वहां से अपना उम्मीदवार बनाया है.जबकि वहां की क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी BRS ,जो वहां वर्तमान में सरकार चला रही है उसने अपना उम्मीदवार गद्दाम श्रीनिवास यादव को बनाया है. साल 2019 नतीजों को देखते हुए AIMIM के चीफ ओवैसी ने लगभग 2 लाख 80 हजार से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी.वहीं, बीजेपी प्रत्याशी भगवंत राव को लगभग 2 लाख 35 हजार वोट मिले थे. इसी सीट पर BRS के उम्मीदवार पुस्ते श्रीकंड को लगभग 63 हजार और कांग्रेस के कैंडिडेट को लगभग 49 हजार वोट ही मिल पाए .
हैदराबाद लोकसभा सीट से ओवैसी के पारिवारिक इतिहास
पिछले 40 सालों के लोकसभा चुनावों के नतीजे देखें तो उसमे सिर्फ ओवैसी परिवार के ही सदस्यों का नाम समाने आता है. 1984 से ये सिलसिला शुरू हुआ, जो अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है .पहली बार 1984 में AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी के पिता सलाहुद्दीन ओवैसी ने इस सीट से जीत हासिल की. उसके बाद लगातार 6 बार उन्होंने इस सीट पर जीत दर्ज की . साल 1984 ,साल 1989 ,साल 1991, साल 1998,साल 1999 में लगातार जीत हासिल कर AIMIM का परचम लहराया. उसके बाद अपनी ही पार्टी AIMIM से अपनी पुश्तैनी सीट से चुनावी मैदान में उतरे AIMIM के तत्कालीन मुखिया और सलाहुद्दीन ओवैसी के बेटे . असदुद्दीन ओवैसी साल 2009 में पहली बार हैदराबाद सीट से सांसद चुने गए. तब से आज तक लगातार जीत परचम लहराते चले आ रहे हैं.
विधानसभा की 7 सीटों पर क्या है ओवैसी की भूमिका?
हैदराबाद लोकसभा सीट के अंतर्गत 7 विधानसभा सीटें आती हैं. वहीं 7 सीटों में से 6 सीटों पर AIMIM का कब्जा बना हुआ है. और बची हुई 1 सीट साउथ इंडिया के चर्चित नेता बीजेपी प्रत्याशी टी राजा सिंह ने अपनी जीत दर्ज की है. बता दें सिर्फ गोशमहल विधानसभा सीट छोड़ कर, बाकी बची 6 सीटों पर AIMIM का ही दबदबा बना हुआ है. मालकपेट विधानसभा सीट से अहमद बिन अब्दुल्ली बलाला, करवान से कौसर मोहिउद्दीन, चारमीनार से मीर जुल्फेकार अली, चंद्रायनगुट्टा से खुद AIMIM चीफ के छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी , याकूतपुरा से जाफर हुसैन मेहराज और बहादुरपुरा से मोहम्मद मुबीन विधायक चुने गए हैं.इन सारी सीटों पर AIMIM का पूर्ण रूप से कब्जा कायम है.
जानें इस लोकसभा सीट का जातीय गणित
यह लोकसभा सीट अनारक्षित है. साल 2011 के जनगणना के आधार पर , अनुसूचित जाति SCके वोटर्स की संख्या 82 हजार 233 है . और वही अनुसूचित जनजाति STके महज 25 हजार 453 वोटर्स हैं. जबकि इस सीट पर मुस्लिम वोटर्स लगभग 11 लाख 55 हजार हैं. यानी की यहां पर 59 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम वोटर्स हैं.