Shrirang Barne: 5 बार संसद रत्न, 2 बार के सांसद लेकिन 10वीं फेल होने का था अफसोस, कैसे मिटा? खुद जान लें

श्रीरंग बारणे की कहानी बेहद दिलचस्प है. उन्हें 10वीं फेल होने का बेहद अफसोस था. लॉकडाउन के दिनों में उन्होंने जीतोड़ मेहनत करके इस परीक्षा को पास कर लिया. अब उन्होंने चुनावी हलफनामे में यह खुलासा किया है.

Imran Khan claims
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हम जिंदगी में कितना भी आगे क्यों न बढ़ जाएं, कुछ न कुछ अफसोस जरूर होता है. ऐसा ही एक अफसोस 5 बार सांसद रत्न पुरस्कार और एक बार महा संसद रत्न से सम्मानित होने सांसद श्रीरंग बारणे को भी था. वे पुणे की मावल लोकसभा सीट से दो बार सांसद रह चुके हैं लेकिन वे महज 10वीं फेल थे. उन्हें कम पढ़े लिखे होने का अफसोस भी था. 

श्रीरंग बारणे शिवसेना नेता हैं. उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 के लए इस बार नामांकन किया तो उनका अफसोस खत्म हो गया. उन्होंने इस बार गर्व से अपने चुनावी हलफनामे में कहा कि वे एसएससी पास हैं. उन्होंने दसवीं की परीक्षा पास कर ली है. 

उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया से हुई बातचीत में कहा, 'मैंने 1980 में एसएससी परीक्षा दी थी लेकिन साइंस में फेल  हो गया था. मैं राजनीति में सफल था लेकिन 10वीं फेल होने के टैग ने मुझे परेशान किया. मैंने 2022 में यह परीक्षा पास कर ली थी. मैंने सही समय पर इसका खुलासा किया.'

1997 से राजनीति में हैं सक्रिय

श्रीरंग बारणे अपने संघर्ष के दिनों में खेती करते थे. उन्होंने साल 1997 में अपने भाई हीरामन बारणे की राह पर चलते हुए राजनीति में एंट्री ली और पिंपरी चिंचवड़ में नगर सेवक बने. उन्होंने पिंपरी चिंचवड़ नगर निगम (PCMC) में 15 साल से ज्यादा वक्त तक सेवाएं तीं. 

2014 में लड़ा था पहला लोकसभा चुनाव

शिवसेना ने उनका कद बढ़ाया और साल 2014 में पहली बार उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. साल 2019 में भी लगातार दूसरी बार उन्हें जीत मिली. उन्होंने अजीत पवार के बड़े बेटे पार्थ पवार को हरा दिया.

5 बार मिल चुका है संसद रत्न

उनके करीबियों का कहना था कि उन्हें 10वीं फेल होने की बात अखरती थी. जब वे संसद गए तो यह उन्हें और चुभने लगी. उन्हें कई बार सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार मिले फिर भी ये बात अखरती रही. जब 2020 में कोविड की वजह से लॉकडाउन लगा तब उन्होंने पढ़ाई पर जोर दिया और 10वीं की परीक्षा पास करने के लिए जीतोड़ मेहनत की. 

कैसे पास की परीक्षा?
श्रींरग बारणे को पढ़ने का शौक है. उन्होंने 58 साल की उम्र में भी मेहनत से 10वीं की परीक्षा पास कर ली. वे लॉकडाउन के दौरान जमकर पढ़ाई करते थे. उन्होंने बोर्ड की परीक्षा दी और पास हो गए. साल 2022 में उन्हें इससे मुक्ति मिल गई.

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