सत्ता के लिए परिवार में जंग हमेशा से होती रही है. क्या अपने, क्या पराए, सियासत में जो भी उतरा, उससे ठननी तो तय है. द्वापर से लेकर कलियुग तक, ऐसे कई परिवार रहे हैं, जिनमें अपने ही अपनों से लड़े. लोकसभा चुनाव 2024 इससे कैसे अलग हो सकता है. चुनाव में कई लोकसभा सीटों पर अपने ही अपनों के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं. महाराष्ट्र से लेकर आंध्र प्रदेश तक उम्मीदवारों की एक लंबी लिस्ट है, जहां रिश्तेदारों के बीच सियासी जंग ठनी है.
महाराष्ट्र के पवार परिवार के पॉवर को कौन नहीं जानता. शरद पवार इस परिवार के मुखिया हैं. दूसरे नंबर पर अजीत पवार हैं. भतीजे अजीत ने चाचा शरद पवार से पार्टी छीनकर अलग पार्टी बना ली है और अब एनडीए परिवार का हिस्सा हैं. सगा परिवार भले ही बिखर गया हो, मोदी के परिवार के अब अजीत परिवार अंग हैं. उसी शरद पवार के घराने में बारामती सीट पर ननद और भाभी में जंग मची है.
ननद भाभी की ये लड़ाई है बेहद दिलचस्प
बारामती सीट पर शरद पवार की बेटी और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्ट (NCP) शरद गुट की नेता सुप्रिया सुले चुनाव लड़ रही हैं. उनके सामने अजीत पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार हैं. सुप्रिया सुले, उनकी ननद हैं. ननद-भौजाई के रिश्ते में जंग की कहावतें एक जमाने से चली आ रही हैं. अब जनता असमंजस में है कि किसे वोट दें. सुप्रिया सुले की यह संसदीय सीट रही है, उनकी मजबूत पकड़ है. अजीत पवार भी बड़े नेताओं में शुमार हैं. देखने वाली बात यह है कि ननद-भाभी की इस लड़ाई में जीतता कौन है.
ओडिशा में भाइयों में ही हो गई है भिड़ंत
कहते हैं कि भाई, भाई का हाथ होता है. दोनों को मिलकर परिवार चलाना होता है. रिश्ते में सियासत घुस जाए तो रिश्ते खत्म हो जाते हैं, सियासत बची रह जाती है. ओडिशा की चिकटी असेंबली सीट पर ऐसा ही मुकाबला हो रहा है. रविंद्र नाथ समात्रा और उनके भाई मनोरंजन नाथ समात्रा के बीच ऐसी एक जंग हो रही है. मनोरंजन नाथ भारतीय जनता पार्टी से अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं, वहीं रविंद्र नाथ कांग्रेस से. दो भाइयों की जंग में जनता भी भ्रम में है किसके साथ जाएं.
यहां दांव पर लगा है रक्षाबंधन, भिड़े हैं बहन-भाई
आंध्र प्रदेश में तो और दिलचस्प लड़ाई है. एक तो वाईएस शर्मीला रेड्डी ने अपने भाई वाईएस जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ मोर्चा खोलकर बैठी हैं. दूसरी तरफ वहां की कड़प्पा लोकसभा सीट पर दिलचस्प मुकाबला छिड़ गया है. जगन मोहन रेड्डी के चचेरे भाई अविनाश रेड्डी इसी सीट से वाईएसआर कांग्रेस से चुनावी मैदान में हैं. उनके खिलाफ कांग्रेस नेता वाईएस शर्मीला चुनावी मैदान में हैं. दो भाई मिलकर बहन को हराने निकले हैं. अविनाश रेड्डी की यह पुरानी सीट है. अब यहां रक्षाबंधन भी दांव पर है.
देवर भाभी का प्यारा रिश्ता, चुनावी मुकाबले की भेंट चढ़ा
महाराष्ट्र में रिश्तों के बीच जंग की कवायद रही है. राज ठाकरे और उनके भाई उद्धव ठाकरे की जंग तो दुनिया जानती है. अजित पवार और शरद पवार की जंग के बारे में हर कोई जानता है. एक सीट ऐसी भी है, जहां देवर और भाभी के बीच लड़ाई हो गई. पति से ज्यादा बेहतर बॉन्डिंग देवर के साथ होती है, ऐसा कहा जाता है लेकिन सियासत छिड़े तो रिश्ते सारे ताक पर.
उस्मानाबाद लोकसभा सीट पर देवर भाभी के बीच लड़ाई है. यहां शिवसेना (UBT) ने ओम राजे निंबालकर को चुनावी मैदान में उतारा है. उनके खिलाफ एनडीए गठबंधन ने एनसीपी (अजित पवार गुट) ने अर्चना पाटिल को उतारा है. अर्चना पाटिल डॉक्टर पदम सिंह पाटिल की बहू हैं और बीजेपी विधायक राणा जगजीत सिंह पाटिल की पत्नी हैं. जगजीत सिंह और ओम राजे निंबालकर रिश्ते में भाई लगते हैं.