भारतीय जनता पार्टी (BJP) ओडिशा में सरकार बना सकती है. ज्यादातर एग्जिट पोल्स इशारा कर रहे हैं कि राज्य में बीजू जनता दल (BJD) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच कड़ा मुकाबला है. दोनों राजनीतिक पार्टियों को 62 से 80 सीटें मिलती नजर आ रही हैं. दोनों पार्टियों में जीत-हार का अंतर कुछ सीटों का हो सकता है. ऐसे में ऐसा भी हो सकता है कि नवीन पटनायक सरकार की विदाई हो जाए.
इंडिया टुडे एक्सिस माई इंडिया के सर्वे में बीजेपी और बीजेडी दोनों को 62 से 80 सीटें मिलती नजर आ रही हैं. दोनों राजनीतिक पार्टियों में किसी को भी स्पष्ट बहुमत के आसार नहीं हैं. ऐसा में अगर हंग असेंबली की नौबत आई दोनों के लिए मुश्किलें बढ़ जाएंगे. बीजेपी और बीजेडी में दोस्ती के रिश्ते रहे हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 में दोनों के बीच तल्खी नजर आई.
नवीन पटनायक 5 बार के मुख्यमंत्री रहे हैं. सबसे बुरी स्थिति में ओडिशा में हंग असेंबली की स्थिति भी बन सकती है. खैर, बीजेपी और बीजेडी के बीच दूसरी पार्टियों से कम अनबन है, ऐसे में हो सकता है कि ऐसी स्थिति में दोनों ही मिलकर सरकार चला लें. नवीन पटनायक 2000 से ही मुख्यमंत्री हैं. अगर इस बार भी वे जीतते हैं तो सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेता का खिताब उन्हें मिल जाएगा.
क्या कह रहे हैं एग्जिट पोल्स के सर्वे?
इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया के सर्वे में यह दावा किया गया है कि राज्य में दोनों पार्टियों के बीच कड़ा मुकाबला है. प्रगतिवादी ने अपने सर्वे में दावा किया है कि 41 सीटें बीजेपी को मिल रही हैं, वहीं 94 सीटों पर बीजेडी जीत सकती है.
जन की बात ने 44 से 72 सीटें बीजेपी को और 68 से 93 सीटें बीजेडी को दी हैं. नांदीघोष टीवी चैनल ने बीजेपी को 11 सीटें और बीजेडी को 117 सीटें दी हैं. कांग्रेस को किसी ने 5 से 8 सीटों पर सिमटाया है तो किसी ने अधिकतम 12 दिया है. बहुमत के लिए 74 सीटें चाहिए.
क्या गलत होगा सबसे 'सटीक' एग्जिट पोल का सर्वे?
ज्यादातर सर्वे में यह दावा किया गया है कि ओडिशा में बीजेपी हार रही है, बीजेडी सरकार बचा सकती है लेकिन इंडिया टुडे माय एक्सिस के सर्वे ने दावा किया है कि राज्य में दोनों पार्टियां स्पष्ट बहुमत से दूर हैं. अब देखने वाली बात यह होती है कि मंगलवार को राज्य में बीजेपी और बीजेडी में किसका मंगल होता है.