चुनाव आयोग ने भाजपा और कांग्रेस के नेताओं को अपने भाषणों में संयम बरतने को कहा है. बुधवार को चुनाव आयोग ने भाजपा और कांग्रेस के स्टार प्रचारकों को आदेश निर्देश दिया कि वे सांप्रदायिक भाषण देने से बचें. चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों के नेताओं से कहा कि अपने भाषणों में कुछ भी ऐसा न कहें जो देश के संविधान को तोड़ने का काम करता हो और देश के लोगों को बांटने का काम करता हो.
समुदायों के बीच तनाव पैदा करने वाले बयान न दें
22 मई को चुनाव आयोग ने भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों को से कहा कि वे इस संबंध में अपने स्टार प्रचारकों को एक औपचारिक नोटिस जारी करें कि वे कोई ऐसा भाषण ना दें जो समाज को बांटे और विभिन्न जाति और समुदाय के बीच तनाव पैदा करता हो.
नड्डा और खड़गे को पहले भी दिया था नोटिस
बता दें कि एक महीने पहले चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता (MCC) के उल्लंघन को लेकर भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा और और कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को नोटिस जारी किए थे.
बाज नहीं आ रहे नेता
इस बार लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान पक्ष-विपक्ष दोनों तरफ से सांप्रदायिक तनाव पैदा करने वाले भाषण सुनने को मिल रहे हैं. राजस्थान के बांसवाड़ा में प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर मुस्लिमों के तुष्टीकरण का आरोप लगाया था, जिसके बात कांग्रेस ने चुनाव आयोग में इसकी शिकायत की थी. कांग्रेस की शिकायत पर चुनाव आयोग ने 25 अप्रैल को भाजपा अध्यक्ष को नोटिस जारी कर इस पर सफाई मांगी थी.
बांसवाड़ा में पीएम मोदी ने दिया था सांप्रदायिक भाषण
बांसवाड़ा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कांग्रेस आपकी संपत्ति को घुसपैठियों और उन लोगों को दे देगी जिनके ज्यादा बच्चे हैं. वहीं भाजपा ने भी राहुल गांधी के पीएम मोदी को लेकर दिए गए एक बयान को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत की थी जिसमें राहुल ने कहा था कि प्रधानमंत्री देश में केवल एक भाषा चाहते हैं. इसके अलावा राहुल ने कहा था कि अगर बीजेपी सत्ता में आई तो संविधान को खत्म कर देगी. अग्निवीर स्कीम को लेकर उन्होंने कहा था कि देश में अब दो तरह के सैनिक हो गए हैं.
आपका जवाब संतोषजनक नहीं
दोनों ही पार्टियों ने चुनाव आयोग में अपना जवाब भी दाखिल किया था, जिसको लेकर चुनाव आयोग ने कहा था कि आप दोनों का जवाब संतोषजनक नहीं है. दोनों ही पार्टियों उनके भाषणों को लेकर अपने-अपने स्टार प्रचारकों का बचाव किया था.
आयोग ने दोबारा जारी किया नोटिस
चुनाव आयोग ने अब दोबारा से दोनों पार्टियों को नोटिस जारी किया है जिसमें उसने कहा कि मना करने के बाद भी दोनों पार्टियों के स्टार प्रचारकों ने इस तरह की बयानबाजी बंद नहीं है.