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DIG ने पैरों तले कुचला था मुंह, अखिलेश ने सड़क से उठाकर बनाया स्टार, ऐसे बने 'माननीय'

आनंद भदौरिया, समाजवादी पार्टी के छात्र नेता रहे हैं. वे सामाजिक आंदलनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते रहे हैं. उनके सियासत में आने की कहानी भी बेहद दिलचस्प है. अखिलेश यादव के युवा तुर्कों में उनकी गिनती होती है. आइए जानते हैं कैसे वे सियासत में आए और छा गए.

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Edited By: India Daily Live
Anand Bhadauriya
Courtesy: Social Media

उत्तर प्रदेश की धौरहरा लोकसभा सीट. भारतीय जनता पार्टी ने रेखा वर्मा को चुनावी मैदान में उतारा था, दूसरी तरफ थे समाजवादी पार्टी के आनंद भदौरिया. बीजेपी का हिंदुत्व कार्ड बुरी तरह से फेल हुआ. आनंद भदौरिया ने रेखा वर्मा को 4,449 मतों से हरा दिया है. क्या आप जानते हैं आनंद भदौरिया के स्टार बनने की कहानी है.

आनंद भदौरिया सड़क से संसद पहुंचे हैं. साल 2011 की बात है. वे सपा के छात्र नेता थे. सूबे में बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सरकार थी. सपा के नेता किसी बात को लेकर विधानसभा के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे. पुलिस बार-बार हटने किए लिए कह रहे थे लेकिन वे टस से मस नहीं हो रहे थे. अचानक पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज कर दिया.

आनंद भदौरिया के चेहरे पर DIG ने रखे थे बूट

उस वक्त DIG डीके ठाकुर ने आनंद भदौरिया के चेहरे पर ही बूट रख दिया. उन्होंने अपना बूट, आनंद के चेहरे पर रगड़ दिया. एक तस्वीर, उस वक्त किसी पत्रकार ने खींच ली थी, जो अब तेजी से वायरल हो रही है. लोग लिख रहे हैं कि यह रवैया अब भारी पड़ने वाला है. अब अनुराग भदौरिया सांसद हैं और पुलिस विभाग के बड़े से बड़े अधिकारी को उनसे अदब से बात करनी होगी. जनता ने सड़क पर संघर्ष कर रहे एक मामूली से छात्र को, सांसद बना दिया. इसे ही लोकतंत्र की खूबसूरती कहते हैं. 
 

कैसे अखिलेश ने बदल दी किस्मत?

DIG अपनी इस हरकत की वजह से विपक्षी नेताओं के निशाने पर आए थे. अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था और कहा था कि यह तानाशाही है. 2016 में आनंद भदौरिया विधानसभा परिषद के सदस्य बने. वे 2016 से 2022 तक विधान परिषद के सदस्य रहे.