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इंतजार करवाकर बृजभूषण को झटका न दे दे BJP, 12वीं लिस्ट में भी नहीं आया कैसरगंज का नाम

बीजेपी की 12वीं लिस्ट भी सामने आ गई लेकिन कैसरगंज लोकसभा सीट पर चुनाव समिति ने अब तक कोई फैसला नहीं लिया है. बृजभूषण को भरोसा है कि टिकट उन्हें ही मिलेगा लेकिन बीजेपी अपने फैसलों से हमेशा चौंकाती रही है.

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Edited By: India Daily Live
BJP MP Brij Bhushan Sharan Singh
Courtesy: Social Media

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपने उम्मीदवारों की 12वीं सूची भी जारी कर दी है. इस लिस्ट में बिहार से लेकर यूपी तक की सीटों पर सीटों पर फैसला तो हुआ लेकिन कैसरगंज से पर पार्टी ने चुप्पी साध ली. कैसरगंज के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के लिए यह इंताजर अब लंबा हो रहा है. कहीं ऐसा न हो जाए कि वे इंतजार ही करते रह जाएं और बीजेपी उन्हें झटका दे दे.

12वीं लिस्ट में भी उनका नाम नहीं है. बृजभूषण शरण सिंह दावा करते हैं कि उनका दबदबा है और पार्टी सीट उन्हें ही देगी. यूपी की सियासत में लोग चर्चा भी कर रहे हैं कि बीजेपी आलाकमान ने उनसे कहा भी था कि अपनी पत्नी या बेटे को चुनाव लड़ा दें क्योंकि उनके नाम विवादित है. बृजभूषण ने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया. वे चुनाव में जोर-शोर से जुटे हैं.

अल्पसंख्यक, यादव, ब्राह्मण और क्षत्रिय वोटरों को साथ लेकर चल रहे बृजभूषण को अगर झटका लगा तो उकना टूटना तय है. वे चुनाव प्रचार में जुटे हैं. वह यह मानकर चल रहे हैं कि उन्हें पार्टी टिकट देगी लेकिन अब तक पार्टी ने आधिकारिक रूप से कुछ भी नहीं कहा है लेकिन वे अपने काम में जुट गए हैं.

क्यों कट सकता है बृजभूषण का टिकट?

बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के गंभीर आरोप हैं. उनके खिलाफ हरियाणा के पहलवानों ने मोर्चा खोला है. उनके खिलाफ पॉक्सो के मामले भी दर्ज हैं. अगर बीजेपी उन्हें टिकट देती है तो अपने लिए सियासी मुश्किलें ही खड़ी करेगी. शायद यही वजह है कि बीजेपी अभी तक उन्हें टिकट देने से बचती नजर आ रही है. अब ऐसा दावा किया जा रहा है कि बृजभूषण शरण सिंह को पार्टी झटका दे सकती है.

लोकसभा में किसे कहां से मिला मौका?
बीजेपी ने यूपी के देवरिया से शशांक मणि त्रिपाठी को उतार दिया है. फिरोजाबाद से विश्वदीप सिंह को टिकट दिया है. अभिषेक बनर्जी के खिलाफ बीजेपी ने अभिजीत दास को उतारा है. केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश की पत्नी अनीता सोमप्रकाश को होशियारपुर से उतारा है. यूपी की रायबरेली और कैसरगंज पर बीजेपी का क्या फैसला लेती है, इसका इंतजार सबको है.