लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस (Congress) कर्नाटक के मुस्लिम कोटा को लेकर बुरी तरह फंस गई है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इसे चुनावी मुद्दा बना लिया है. मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली यह पार्टी पहले से ही मुस्लिम तुष्टीकरण को लेकर सरकार के निशाने पर है कि अब एक नई आफत आन पड़ी है. नेशनल कमीशन फॉर बैकवर्ड क्लासेज (NCBC) ने बुधवार को दावा किया है कि कर्नाटक सरकार ने मुस्लिम समुदाय के सभी वर्गों को पिछड़े वर्ग में रखा है. उन्हें OBC कैटेगरी में रखा गया है.
NCBC का कहना है कि कांग्रेस सरकारी नौकरियों और शिक्षा में रिजर्वेशन दिया जा रहा है. आंकड़ों के मुताबिक कर्नाटक में 12.92 फीसदी मुस्लिम आबादी है. उन्हें OBC की कैटेगरी II-B में रखा गया है. इसमें साफ कहा गया है कि कर्नाटक के सभी मुसलमान OBC समझे जाएंगे. NCBC का कहना है कि कैटेगरी-1 में 17 मुस्लिम समुदायों को ओबीसी का दर्जा मिला है. 17 मुस्लिम समुदायों को ओबीसी की 2ए कैटेगरी में रखा गया है.
मुस्लिम तुष्टीकरण के आरोपों से जूझ रही कांग्रेस के सिर एक और सियासी आफत पड़ गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व अब खुलकर मुसलमान मुद्दे पर कांग्रेस को घेर रहा है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी हाल में ही कहा था कि कांग्रेस अगर जीतती है तो देश में शरियत कानून लागू हो जाएगा. प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि कांग्रेस आंध्रप्रदेश में साल 2004 में ही मुस्लिम आरक्षण लागू करने की योजना तैयार की थी, कर्नाटक में भी कोशिश की. कांग्रेस मुस्लिम तुष्टीकरण के आरोपों में लगातार घिरती चली जा रही है.
अब क्यों भड़की है बीजेपी?
मुस्लिम कोटा पर बीजेपी पहले से हमलावर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद चुनावी सभाओं में कह चुके हैं कांग्रेस दलित और पिछड़ों का हक मारकर मुसलमानों को आरक्षण देना चाहती है. कांग्रेस आपकी संपत्तियों को मुसलमानों में बांट देना चाहती है. ऐसे में कर्नाटक कांग्रेस का आरक्षण, अब चुनावी माहौल में पार्टी के गले की फांस बन गया है. नेशनल कमीशन फॉर बैकवर्ड क्लासेज (NCBC) के सभापति हंसराज अहीर ने कहा है कि उन्होंने कर्नाटक सरकार से सवाल किया था कि मुस्लिमों को यह आरक्षण किस आधार पर दिया जा रहा है तो सरकार ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया. बीजेपी इन्हीं दस्तावेजों को लेकर सवाल खड़े कर रही है.
किन समुदायों को मिल रहा है आरक्षण?
मुसलमानों के 17 समुदायों को ओबीसी की कैटेगरी 1 में रखा गया है. नदफ, पिंजर, दरवेश, छपराबंद, कसाब, फूलमाली, नालबंद, कासाई, अतहरी, शिक्कालिगरा, सिकालिगर, सलबंद, लदाफ, ठिकानगर, बाजिगर, जौहरी और पिंजारी समुदाय के मुसलमानों को इस लिस्ट में रखा गया है. NCBC के मुताबिक मुस्लिमों के पिछड़े और दलित समुदाय भेदभाव का आरोप लगाकर सैय्यद, शेख और पठानों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. कंजर, जुलाहा, धुनिया, कसाई, फकीर, हज्जाम, मेहतर और पसमंदा मुस्लिम भी भेदभाव का आरोप लगाते हैं.
As per the data from Karnataka government, all castes and communities of Muslims of Karnataka have been included in the list of OBCs for reservation in employment and educational institutions under the state govt. Under Category II-B, all Muslims of Karnataka state have been… pic.twitter.com/eh1IYF3FX0
— ANI (@ANI) April 24, 2024
चुनावी माहौल में कांग्रेस पर भारी न पड़ जाए बवाल?
हिंदी हार्टलैंड में कांग्रेस पर लगे ये आरोप भारी पड़ सकते हैं. प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी के नेता राम मंदिर, मंगलसूत्र, मनमोहन सिंह, मुस्लिम कोटा जैसे मुद्दों पर कांग्रेस को घेर रहे हैं. यह कहां कम था कि सैम पित्रोदा ने विरासत को लेकर एक ऐसा बयान दे दिया है कि पार्टी नई मुश्किलों में फंस गई है. सैम पित्रोदा ने कहा है कि व्यक्ति के निधन के बाद संपत्ति का 55 फीसदी हिस्सा सरकार को मिलना चाहिए. 45 फीसदी हिस्सा, उसके उत्तराधिकारी को मिलना चाहिए.
कांग्रेस सैम पित्रोदा के बयान पर भी घिर गई है. हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि कांग्रेस आपकी जमीन छीनना चाहती है. बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने भी आरोप लगाया है कि अगर आप कांग्रेस को वोट करते हैं तो आपकी 55 फीसदी जमीन छिन जाएगी. पीएम मोदी ने भी कहा है कि आपकी मेहनत की संपत्ति को कांग्रेस लूटना चाहती है.