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भोजपुरी का हित या राजनीति? मनोज तिवारी के पीछे क्यों पड़ गई हैं नेहा सिंह राठौर?

भोजपुरी की लोक गायिका, नेहा सिंह राठौर इन दिनों भारतीय जनता पार्टी के सांसद मनोज तिवारी को जमकर ट्रोल कर रही हैं. उनके गुस्से की वजह क्या है, आइए जानते हैं.

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Edited By: India Daily Live
Neha Singh Rathore and Manoj Tiwari
Courtesy: Social Media

भोजपुरी लोक गायिका नेहा सिंह राठौर अक्सर चर्चा में रहती हैं. सोशल मीडिया पर उनके लाखों प्रशंसक हैं, उनके लोक गीत अक्सर सरकार पर प्रहार करने वाले होते हैं. वे इन दिनों गायकी छोड़, मनोज तिवारी को जमकर ट्रोल कर रही हैं. वे अपने गानों में भी भोजपुरी अस्मिता का जिक्र करते हुए मनोज तिवारी को बिना कोसे नहीं रहती हैं. आखिर दोनों के बीच झगड़ा किस बात का है, आइए जान लेते हैं. 'बिहार में का बा, यूपी में का बा' गाने वाली नेहा सिंह राठौर खुद को भोजपुरी की लोक गायिका बताती हैं. 

नेहा सिंह राठौर कहती हैं कि उनकी कविताएं, जनता की आवाज हैं, वे जनता की आवाज ही बुलंद करती हैं. वे सरकार के कड़े सवाल पूछती हैं, कहतीं हैं कि भोजपुरी में फैली अश्लीलता को वे खत्म करके मानेंगी. नेहा, रवि किशन, मनोज तिवारी, खेसारी लाल यादव और पवन सिंह जैसे कलाकारों के खिलाफ कई इंटरव्यू में अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर चुकी हैं.

नेहा सिंह, मनोज तिवारी के पुराने गानों को लेकर अक्सर ट्रोल करती रहती हैं. मनोज तिवारी भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार और सिंगर रहे हैं. अपने संघर्ष के दिनों में उन्होंने कई द्विअर्थी गाने थे, जिसे नेहा सिंह राठौर अश्लील बताती हैं. वे चिंटुआ के पापा से लेकर अउरी पढ़ावा तक को अश्लील बताती हैं. नेहा सिंह उन्हें भोजपुरी का सिंगर ही नहीं मानती. उन्होंने एक इंटरव्यू में तो यहां तक कह दिया था कि पवन सिंह और खेसारी लाल यादव ये सब सड़क छाप गवैये हैं. ये लुच्चे लोग हैं. कायदे से इन्हें भोजपुरी भाषा की गरिमा को तार-तार करने के लिए और समाज में अपने गानों से अश्लीलता फैलाने के लिए पूर्वांचल के लोगों को बीच बाजार में चप्पल से मारना चाहिए.

नेहा सिंह राठौर को गुस्सा क्यों आता है?

नेहा सिंह राठौर, आए दिन अपने सोशल मीडिया पर मनोज तिवारी और बीजेपी पर हमला बोलती रहती हैं. सोमवार को भी उन्होंने एक ट्वीट किया, 'आगे से डालब, पीछे से डालब, न छोड़ब अगाड़ी पिछाड़ी. गायक-मनोज तिवारी. एक इंटरव्यू में इन्होंने मेरे बारे में कहा कि मुझे भोजपुरी की समझ नहीं है. तो अब ख़ुद मनोज तिवारी जी ही बतायें कि इस गीत का क्या अर्थ है? क्या वो ये गीत अपने परिवार के साथ सुन सकते हैं? अगर नहीं सुन सकते तो मनोज जी स्वीकार करें कि वो एक अश्लील गायक और महिला-विरोधी व्यक्ति हैं.'

नेहा सिंह का गुस्सा, अतीत में गाए हुए मनोज तिवारी के उन गानों को लेकर हैं, जो बहुअर्थी हैं. नेहा सिंह ने एक और ट्वीट में मनोज तिवारी को घेरते हुए पोस्ट किया, 'कंहवा लुकवा के जइबू, चोली के ई रसगुल्ला? नारी-शक्ति के वर्तमान रक्षक और घाघरा-चोली के भूतपूर्व जासूस भाजपा सांसद मनोज तिवारी जी के गीतों से आप सभी का परिचित होना ज़रूरी है. क्या हमारी संसद सच ऐसे सांसदों को डिज़र्व करती है? बिल्कुल नहीं! क्या हमारी भोजपुरी को ऐसे रहनुमाओं की जरूरत है? कभी नहीं!'

नेहा सिंह ने ट्वीट किया है, 'मनोज तिवारी जी आप जनता को मूर्ख समझते हैं क्या? क्या जनता आपके लिए भेड़-बकरी हो गई है कि राष्ट्रवाद के नाम पर जैसे चाहा हांक दिया? आप कितनी ढिठाई से बता रहे हैं कि आपने जानता को कैसे मूर्ख बनाया! जिस जनता ने आपको सांसद बनाया, आपने उसे मूर्ख बनाया. आप इन्हें देशभक्त समझते हैं और ये आपको मूर्ख समझते हैं. बस इतनी सी बात है. आम लोगों को ठगकर देखिए कैसे ठहाके लगा रहे हैं!'

मनोज तिवारी पर ही नेहा सिंह राठौर ने एक ट्वीट किया है, 'फटल चाहता पैंट के सियानी, चढ़ल बा जोबन जवानी. महिला सम्मान संहारक और भोजपुरी मर्यादा निवारक भाजपा सांसद मनोज तिवारी जी ने एक इंटरव्यू में कहा है कि मुझे भोजपुरी की समझ नहीं है. तो मेरा उनसे विनम्र निवेदन है कि वो बतायें उनके गीतों में फटल चाहता पैंट के सियानी और चढ़ल बा जोबन जवानी का क्या मतलब है? ये बेटी बचाने चले हैं.'

भोजपुरी पर मनोज तिवारी के साथ बहस करना चाहती हैं नेहा सिंह राठौर

नेहा सिंह राठौर ने 27 अप्रैल को एक ट्वीट किया था. उन्होंने कहा था कि वे मनोज तिवाही से बहस करना चाहती हैं. मनोज तिवारी से जब पूछा गया कि आपको नेहा सिंह राठौर हमेशा घेरती हैं, आलोचना करती हैं, भोजपुरी गायकों को चप्पल मारने की बात कहती हैं तो जवाब में मनोज तिवारी ने कहा था कि नेहा सिंह राठौर को भोजपुरी की समझ नहीं है.

नेहा सिंह राठौर ने तब जवाब दिया था, 'डियर मनोज तिवारी जी, अब चूंकि आप पर्सनल हो रहे हैं तो मेरा भी आपसे ये सवाल पूछना बनता है कि पूर्वांचल की लाखों बेटियों की पढ़ाई छुड़वाकर लड़कियों की शिक्षा पर ज्ञान देने के लिए कितनी बेशर्मी चाहिए? आप कह रहे हैं कि लड़कियों को गांव में पढ़ाने में क्या हर्ज है? वैसे तो आपका ये सवाल ही अपने आप में एक बेहूदा और अवैध किस्म का सवाल है, फिर भी मैं पूछना चाहती हूं कि आपने अपनी बेटियों का नाम कौन से गांव के कौन से कन्या इंटर कॉलेज में लिखवाया है?'

नेहा सिंह राठौर ने लिखा, 'और अगर आपने अपनी बेटियों को शहर में पढ़ाया, तो पूरे पूर्वांचल की बेटियों के साथ छल क्यों किया? क्यों उनके माता-पिता को शहर का डर दिखाकर उनकी बेटियों की पढ़ाई रुकवाई? बेटियों को गांव में पढ़ाने में ये हर्ज है कि बेटियों को विश्वविद्यालय की शिक्षा नहीं मिल पाएगी. उच्च शिक्षा से वंचित लड़कियों का क्या हश्र होता है, क्या ये आपको नहीं पता? कुछ शर्म-वर्म बची है या सब बेचकर इलेक्टोरल बॉण्ड ख़रीद चुके आप?'
 



'खुद को ज्ञानी, मनोज तिवारी को अज्ञानी मानती हैं नेहा सिंह राठौर'

नेहा सिंह राठौर ने मनोज तिवारी पर सवाल उठाते हुए कहा था, 'कब देबू-कहां देबू और  कब डाली-कहां डाली जैसा गीत गाने के बाद आपको ख़ुद कालिख ख़रीद कर अपने चेहरे पर पोत लेनी चाहिए थी. आपने ये करने की बजाय भाजपा जॉइन कर ली! अब आप मेरी भोजपुरी भाषा के ज्ञान पर सवाल उठा रहे हैं? आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि मैं अपने भोजपुरी गीत ख़ुद लिखती हूं. गीत-लेखन साहित्य की एक विधा है जो भाषा पर पर्याप्त अधिकार अर्जित किए बिना संभव नहीं है. आप मेरे लोकगायन पर सवाल उठा रहे हैं? लोकहित का शायद ही कोई ऐसा विषय बचा हो जिस पर मैंने गीत न लिखा हो, न गाया हो! और क्या सरकार से सवाल पूछने में लोक का हित नहीं छुपा? अगर आप में नैतिक साहस हो तो किसी भी पब्लिक प्लेटफ़ार्म पर 20 मिनट तक भोजपुरी भाषा को दिये अपने योगदान पर भोजपुरी में ही मुझसे सामान्य बातचीत कर लीजिए.'

 

क्या है नेहा सिंह राठौर के मनोज तिवारी पर भड़कने की असली वजह?

मनोज तिवारी ने अपने करियर के शुरुआती दिनों में कई ऐसे गाने गा चुके हैं, जिन्हें अब लोग महिला विरोधी कह रहे हैं. उन्होंने बबुनी के लागल बा शहर का हवा अउरी पढ़ावा, बेबी बीयर पीके, ऊपर वाली के चक्कर में, बगल वाली जान मारेली जैसे कई ऐसे गाने गाए हैं, जिन्हें लेकर लोग अक्सर उन्हें ट्रोल करते रहते हैं. नेहा सिंह राठौर का कहना है कि मनोज तिवारी ने भोजपुरी में अश्लीलता को बढ़ावा दिया. कुछ लोग कहते हैं कि नेहा सिंह राठौर, बीजेपी के खिलाफ बोलती हैं, वे विपक्ष का साथ देती हैं इसलिए ऐसा करती हैं.

कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि नेहा सिंह को कांग्रेस पूर्वी दिल्ली संसदीय सीट से मनोज तिवारी के खिलाफ उतार सकती है. कांग्रेस ने नेहा की जगह कन्हैया कुमार को टिकट दे दिया. अब मनोज पर भड़कने की असली वजह क्या है यह तो नेहा सिंह राठौर ही बताएंगी लेकिन एक सच यह है भी है कि जब भोजपुरी अपने सबसे खराब दौर से गुजर रही थी, तब मनोज तिवारी ने दोबारा इसे घर-घर में लोकप्रिय बनाया था. उनके भजन भी जमकर हिट हुए थे. मनोज तिवारी ने बाद में बहुत सारे अच्छे गाने भी गाए, जिनके लिए उनके प्रशंसक उन्हें बहुत पसंद करते हैं.