दिल्ली कांग्रेस (Delhi Congress) अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली (Arvinder Singh Lovely) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. वे आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ लोकसभा चुनाव 2024 में हुए गठबंधन के खिलाफ थे. उनका कहना था कि AAP जैसी राजनीतिक पार्टी ने कांग्रेस के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. यह पार्टी कांग्रेस के विरोध में ही बनी है ऐसे में ऐसी पार्टी के साथ गठबंधन का क्या तुक है. अरविंदर सिंह लवली ने अपने इस्तीफे में इन बातों का जिक्र भी किया है.
Arvinder Singh Lovely resigns from the position of Delhi Congress president.
— ANI (@ANI) April 28, 2024
"The Delhi Congress Unit was against an alliance with a Party which was formed on the sole basis of leveling false, fabricated and malafide corruption charges against the Congress Party. Despite that,… https://t.co/Y1A360fuut pic.twitter.com/hLP9RtnzUE
AAP के साथ गठबंधन पर था ऐतराज
अरविदंर सिंह लवली ने अपने इस्तीफे में लिखा, 'अगस्त 2023 से मैं दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष बना हूं. दिल्ली में कांग्रेस कोई बड़ी रैली आयोजित नहीं करती थी. बीते 7 से 8 महीनों में मैंने हर महीने रैली की. कार्यकर्ताओं को एकजुट किया. दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीटों पर लोगों को एकजुट किया लेकिन पार्टी ने AAP से गठबंधन कर लिया. न कार्यकर्ताओं से पूछा गया, न ही दिल्ली के लोगों से. AAP वही पार्टी है जिसने हम पर लांछन लगाए हैं.'
नियुक्ति को लेकर भी नहीं मिले थे अधिकार, इस वजह से भी दिया इस्तीफा
अरविंदर सिंह लवली ने कहा, 'दिल्ली कांग्रेस चीफ के तौर पर मेरी नियुक्ति के बाद AICC महासचिव और दिल्ली प्रभारी ने मुझे DPCC में कोई सीनियर नियुक्ति करने की इजाजत नहीं दी. डीपीसीसी के मीडिया चीफ के तौर पर एक सीनियर नेता की नियुक्ति के अनुरोध को खारिज कर दिया. AICC महासचिव ने डीपीसीसी को शहर में सभी ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति करने की अनुमति नहीं दी. दिल्ली में 150 से अधिक ब्लॉकों में फिलहाल कोई ब्लॉक अध्यक्ष नहीं है.'
'मैंने बार-बार तोड़े अपने सिद्धांत'
AAP के साथ गठबंधन पर अरविंदर सिंह लवली ने कहा है, 'हमने पार्टी के अंतिम फैसले का सम्मान किया. न केवल मैंने सार्वजनिक रूप से फैसले का समर्थन किया, बल्कि मैंने लोगों को मानने के लिए कहा. एआईसीसी महासचिव के निर्देश पर यहां तक कि मैं केजरीवाल की गिरफ्तारी की रात सुभाष चोपड़ा और संदीप दीक्षित के साथ उनके आवास पर भी गया था. यह मेरे सिद्धांतों के खिलाफ था.'
क्या है इस्तीफे की असली वजह?
अरविदंर सिंह लवली का कहना है कि पार्टी के कार्यकर्ताओं के अधिकारों की रक्षा पद पर रहते हुए नहीं कर पा रहे हैं. उन्हें कोई फैसला लेने नहीं दिया जा रहा है, ऐसे में उनका पद छोड़ देना ही ठीक रहेगा. उन्हें पद पर बने रहने का कोई स्पष्ट वजह नजर नहीं आ रही है. AAP-कांग्रेस में कितने सीटों पर हुई है डील?
दिल्ली में AAP और कांग्रेस के बीच गठबंधन है. फरवरी में हुई डील के मुताबिक 4 सीटों पर कांग्रेस लड़ रही है, वहीं 3 सीटों पर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं. AAP नई दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली में लड़ रही है, जबकि चांदनी चौक, उत्तर पूर्वी दिल्ली और उत्तर पश्चिमी दिल्ली में कांग्रेस चुनाव लड़ रही है.