Lok Sabha Election: जम्मू कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी-पुंछ लोकसभा सीट इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चे में है. दरअसल, इस सीट पर एक साथ कई धुरंधर मैदान में उतरने को तैयार है. जहां एक तरफ इंडिया एलायंस के पार्टनर नेशनल कांफ्रेंस ने इस सीट पर मियां अल्ताफ जैसे कद्दावर नेता को मैदान में उतारा है.
दूसरी तरफ इंडिया एलायंस की दूसरी पार्टनर पीडीपी महबूबा मुफ्ती को इस सीट से मैदान में उतरने जा रही है. डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव एलायंस पार्टी के मुखिया गुलाम नबी आजाद भी इसी सीट से दूसरी बार जम्मू कश्मीर में अपनी किस्मत आजमाने जा रहे हैं.
कश्मीर घाटी में बीजेपी भी कमल खिलाने को बेताब है और इसके लिए पार्टी एड़ी चोटी का जोर लगा रही है. जानकारी के अनुसार अनंतनाग-पुंछ-राजौरी लोकसभा सीट पर आगामी लोकसभा चुनाव में यहां सबसे बड़ा सियासी दंगल देखा जा सकता है.
जम्मू कश्मीर में डीलिमिटेशन के बाद इस सीट की पूरी डेमोगर्फ़ी चेंज हो गई है. पहले यह सीट कश्मीर की अनंतनाग सेट यानी की साउथ कश्मीर की सीट कहलाती थी लेकिन अब इस सीट में बदलाव करते हुए और इस सीट में जम्मू संभाग का राजौरी और पूंछ का काफी इलाका शामिल कर दिया गया है.
डीलिमिटेशन के बाद इस सीट का सियासी खेल पूरी तरीके से बिगड़ चुका है. इस सीट पर करीब 18 लाख मतदाता है जिसमें से 5 लाख गुर्जर समुदाय के लोग हैं. इसके अलावा यहां साढे तीन लाख के आसपास पहाड़ी समुदाय के, डेढ़ लाख के आसपास लोग ओबीसी समुदाय से है और 8 लाख के करीब कश्मीरी मुसलमान वोटर हैं.
नेशनल कांफ्रेंस के उम्मीदवार मियां अल्ताफ गुर्जर समुदाय से आते हैं. इस सीट पर रह रहे करीब 3.50 लाख पहाड़ी समुदाय के लोगों को हाल ही में बीजेपी सरकार की तरफ से रिजर्वेशन दिया गया है. बीजेपी को उम्मीद है कि उनके इस कदम के बाद गुर्जर और कश्मीरी मुसलमान का वोट मिया अल्ताफ, महबूबा मुफ्ती और गुलाम नबी आजाद के बीच वोट बंटेगा और इसका फायदा भारतीय जनता पार्टी को पहुंचेगा इसलिए भारतीय जनता पार्टी इस बार लोकसभा चुनाव में इस सीट से कश्मीर घाटी में कमल खिलाने का सपना देख रही है