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Anantnag Rajouri Lok Sabha Results 2024: अनंतनाग राजौरी में महबूबा मुफ्ती का पत्ता साफ, जीत गए मियां अल्ताफ

Anantnag Rajouri Lok Sabha Results 2024: अनंतनाग राजौरी लोकसभा सीट, कश्मीर घाटी की सबसे हाई प्रोफाइल सीट है. यहां पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती और जम्मू-एंड कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के मियां अल्ताफ के बीच जंग थी.

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Edited By: India Daily Live
Anantnag Rajouri seat
Courtesy: india daily live

Anantnag Rajouri Lok Sabha Seat Election Results 2024: जम्मू और कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला बेहद दिलचस्प रहा. मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और जम्मू-एंड कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के मियां अल्ताफ के बीच था जिसमें मियां अल्ताफ ने 281794 वोटों से जीत हासिल की. इस लोकसभा सीट से कुल 20 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे. गरीब डेमोक्रेटिक पार्टी से मोहम्मद मकबूल तेली, जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी (भीम) से अरशीद अहमत लोन, नेशनल लोकतांत्रिक पार्टी से इम्तियाज अहमद और जम्मू-कश्मीर नेशनलिस्ट पीपुल्स फ्रंट से शेख मुजफ्फर अहम चुनाव लड़े.

क्या हैं स्थानीय मुद्दे?

5 अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने संविधान से जम्मू और कश्मीर के अनुच्छेद 370 और 35ए खत्म कर दिया था. ये अनुच्छेद कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देते थे. 370 के निरस्त होने के बाद से ही यहां कई प्रतिबंध लागू हुए थे, जिसके खिलाफ जनता में आज तक आक्रोश है. बेरोजगारी, अशिक्षा, स्कूलों की किल्लत, घाटी में सरकारी सुविधाओं का टोटा, अब भी यहां एक मुद्दा है. 2020 के बाद आए विकास के बदलावों की युवा तारीफ करते थे. यह क्षेत्र अलगाववाद प्रभावित रहा है लेकिन अब ऐसी आवाजें नहीं उठती हैं. यहां आतंकवाद भी एक मुद्दा रहा है.

क्या हैं अनंतनाग के जातीय समीकरण?

अनंतनाग मुस्लिम बाहुल संसदीय सीट है. हालांकि नए परिसीमन के बाद पुंच जिला और राजौरी का दो तिहाई हिस्सा शामिल हुआ, जिसके बाद यहां के जातीय समीकरण बदल गए. यहां की अधिकांश आबादी मुस्लिम है. अनंतनाग में मुस्लिम आबादी 97.99 फीसदी है, वहीं हिंदू 1.22 प्रतिशत हैं. 0.13 प्रतिशत ईसाई और 0.57 प्रतिशत सिख आबादी रहती है. पुंछ और राजौरी में कश्मीरी और गुज्जर बकरवाल बहुसंख्यक आबादी है. राजौरी में डोगरा, हिंदू और सिख आबादी भी बड़ी संख्या में है.

2019 में कौन जीता था?

हसनैन मसूदी साल 2019 में इस लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे. वे नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता हैं. उन्हें कुल 40,180 वोट पड़े थे. उन्होंने कांग्रेस पार्टी के गुलाम अहमद मीर को शिकस्त दी थी. उन्हें कुल 33,504 वोट पड़े थे. तीसरे नंबर पर पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती थीं, जिन्हें महज 30,524 वोट पड़े थे. बीजेपी ने इस सीट से सोफी युसुफ को उतारा था, जिन्हें महज 10,224 वोट पड़े थे.

लोकसभा सीट का इतिहास

साल 1967 से लेकर 71 और 77 के लोकसभा चुनावों में मोहम्मद शफी कुरैशी चुने गए. वे कांग्रेस के दिग्गज नेता थे. 1980 में यहां से गुलाम सलूर कोचक सांसद चुने गए. 1984 में बेगम अकबर जहां अब्दुल्ला चुने गए. वे नेशनल कॉन्फ्रेंस से जुड़े थे. 1989 में प्यारे लाल हंदू, 1996 में मोहम्मद मकबूल डार, 1998 में मुफ्ती मोहम्मद सईद, 1999 में अली मुहम्मद नाइक, 2004 में महबूबा मुफ्ती, 2009 में मिर्जा महबूब बेग, 2014 महबूबा मुफ्ती और साल 2019 में हसन मसूदी इस सीट से सांसद चुने गए. इस बार का मुकाबला बेहद दिलचस्प है.