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Aligarh Lok Sabha Seat: अलीगढ़ में सपा खोलेगी जीत का ताला या जारी रहेगा BJP का बोलबाला? समझें क्या है समीकरण

Aligarh Lok Sabha Seat UP: यूपी की अलीगढ़ लोकसभा सीट पर बीजेपी को रोकने के लिए इस बार पुराने कांग्रेस बिजेंद्र सिंह सपा के टिकट पर मैदान में उतर गए हैं.

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Edited By: India Daily Live
Aligarh Lok Sabha Seat
Courtesy: India Daily Live

तमाम विवादों से घिरे रहने वाले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद सतीश गौतम अलीगढ़ लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं. 2019 में कांग्रेस से चुनाव लड़ने वाले बिजेंद्र सिंह इस बार समाजवादी पार्टी में आ चुके हैं और सपा-बसपा गठबंधन की ओर से सतीश गौतम को चुनौती दे रहे हैं. पिछले दो चुनाव के नतीजों को देखें तो समाजवादी पार्टी को यहां बड़ी चुनौती पार करनी है. 2019 में सपा-बसपा के गठबंधन के बावजूद सतीश गौतम में सवा दो लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी.

सपा के जाट और बीजेपी के दलित चेहरे के बीच मायावती की बसपा ने इस सीट पर बंटी उपाध्याय यानी ब्राह्मण को उताकर चुनाव को रोमांचक बना दिया है. बंटी उपाध्याय बीजेपी छोड़कर बीएसपी में आए हैं. 2022 के विधानसभा चुनाव में यहां की पांचों विधानसभा सीटों पर बीजेपी को ही जीत हासिल हुई थी. ऐसे में इस बार लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी का ही पलड़ा भारी माना जा रहा है.

क्या है अलीगढ़ का जातिगत समीकरण?

अलीगढ़ में सबसे ज्यादा मुस्लिम मतदाता हैं. लगभग 20 लाख मतदाताओं में साढ़े तीन लाख मुस्लिम, तीन लाख ब्राह्मण, सवा दो लाख जाट, दो लाख ठाकुर, दो लाख जाटव के अलावा बघेल, यादव, वैश्य और लोधी राजपूत भी अच्छी-खासी संख्या में हैं. मुस्लिमों की संख्या और पिछली बार जीत-हार के अंतर को देखते हुए कहा जा सकता है कि अगर कांग्रेस-सपा गठबंधन ओबीसी और दलित मतदाताओं में सेंध लगा पाता है और मुस्लिम मतदाता लामबंद होकर उसके लिए वोट करते हैं तो नतीजे बदल भी सकते हैं.

इस बार एक रोचक चीज यह है कि किसी भी पार्टी ने मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा है. बसपा ने पहले गुरफान नूर को टिकट दिया था लेकिन बाद में उन्हें बदलकर बंटी उपाध्याय को टिकट दे दिया. ऐसे में मुस्लिम वोट बंटने की संभावना भी कम हो गई है. ऐसे में दूसरे चरण की इस सीट पर इस बार रोमांचक चुनाव की उम्मीद जताई जा रही है.

कौन-कौन रहा है सांसद?

अलीगढ़ लोकसभा सीट काफी उतार-चढ़ाव भरी रही है. सतीश गौतम इस सीट से दो बार सांसद बन चुके हैं. 2009 में यहां से बसपा की राज कुमारी चौहान तो 2004 में कांग्रेस के टिकट पर बिजेंद्र सिंह को जीत हासिल हुई थी. उससे पहले लगातार 4 बार बीजेपी की शीला गौतम ने इस सीट पर जीत हासिल की थी. कई राज्यों के राज्यपाल रह चुके सत्यपाल मलिक साल 1989 में जनता दल के टिकट पर अलीगढ़ लोकसभा सीट से ही चुनाव जीते थे.