Lok Sabha Elections 2024: आम आदमी पार्टी (AAP) के बड़े नेता, लोकसभा चुनाव 2024 की सियासी लड़ाई के बीच तिहाड़ जेल में बंद हैं. अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन जैसे दिग्गग नेता जेल में हैं और संजय सिंह और अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल के भरोसे चुनाव प्रचार हो रहा है. हिमाचल प्रदेश, पंजाब और गुजरात में जिस स्टार कैंपेनर राघव चड्ढा ने पार्टी को जबरदस्त सफलता दिलाई थी, वे अपने नेताओं पर ED के एक्शन के बाद से ही देश से बाहर हैं. सिर्फ वे ही नहीं, आम आदमी पार्टी के कई सांसद भी इलेक्शन कैंपेनिंग में नहीं नजर आ रहे हैं. स्वाती मालीवाल एक अरसे के बाद नजर आईं हैं. अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर राघव चड्ढा हैं कहां.
राघव चड्ढा की गैरमौजूदगी पर जब आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भरद्वाज से सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि राघव चड्ढा अभी यूके में हैं. उन्होंने कहा, 'राघव चड्ढा, अपनी आंख की सर्जरी की वजह से यूके में हैं. उन्हें आंखों की गंभीर समस्या है, जिसकी वजह से वे अंधे भी हो सकते थे. मुझे लगता है जैसे ही उनका इलाज हो जाएगा, वे हमारी कैंपेनिंग में शामिल हो जाएंगे.'
VIDEO | "Raghav Chadha has undergone major eye surgery in the UK. It is said that his condition was serious and there was a possibility of blindness. As soon as he gets better, he will come back to India and join us in the election campaigning," says Delhi Minister and AAP leader… pic.twitter.com/o3A0hJYrAt
— Press Trust of India (@PTI_News) April 30, 2024
कब से देश से बाहर हैं राघव चड्ढा?
राघव चड्ढा 8 मार्च से ही देश से पाहर हैं. आम आदमी पार्टी के लिए एक तरफ जहां कई सियासी मुश्किलें खड़ी हो रही हैं, वहीं राघव चड्ढा की गैरमौजूदगी को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. दिल्ली की आबकारी नीति में आम आदमी पार्टी के ज्यादातर बड़े नेता ईडी की रडार पर हैं. ऐसे में यह भी कहा जा रहा है कि राघव चड्ढा किसी भी तरह की जांच से बचने के लिए दिल्ली से बाहर हैं और देश नहीं लौट रहे हैं. राघव चड्ढा, अरविंद केजरीवाल के सबसे भरोसेमंदर सहयोगियों में से एक हैं. ऐसे में उनकी गैरमौजूदगी को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.
किस बीमारी से जूझ रहे हैं राघव चड्ढा?
राघव चड्ढा रेटिलन डिटेचमेंट से जूझ रहे हैं. इसे गंभीर बीमारी की श्रेणी में रखा गया है. राघव चड्ढा इसी की सर्जरी के लिए विदेश गए हैं. कई बार इस बीमारी के ज्यादा गंभीर होने की वजह से हमेशा के लिए आंखों से रोशनी चली जाती है. इस बीमारी में रेटिना अपनी सही जगह से हट जाती है. रेटिनल सेल्स, ब्लड वेसल्स से अलग हो जाती हैं. इसकी वजह से आंखों को ऑक्सीजन और पोषण नहीं मिल पाता है. आमतौर पर यह बीमारी 50 पार के लोगों को होती है लेकिन बदलते लाइफस्टाइल और अन्य कारणों से यह बीमारी कम उम्र के लोगों को भी जकड़ रही है.