Controversial Female leaders of BJP: बीजेपी की ओर से जब भी ये नेत्रियां कोई भी बयान देती हैं तो एक नया विवाद खड़ा कर देती हैं. ताजा मामला हैदराबाद का है जहां असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ नवनीत कौर राणा के 15 सेकेंड वाले बयान ने तहलका मचा दिया है. आइये एक नजर नवनीत कौर राणा समेत बीजेपी की उन 9 देवियों पर डालते हैं-
नूपुर शर्मा - बीजेपी की प्रवक्ता रही नूपुर शर्मा जो की अपने बयानों के चलते राष्ट्रीय ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बनी रहती हैं. साल 2022 में नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद को लेकर बयान दिया था जिसके बाद देश भर में उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए. वहीं बीजेपी ने लगातार विरोध प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था.
बांसुरी स्वराज - पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज पहली बार चुनावी मैदान में डेब्यू करने जा रही हैं और नई दिल्ली लोकसभा सीट से बीजेपी की उम्मीदवार हैं. बांसुरी दिल्ली में बीजेपी सेक्रेटरी भी हैं और अक्सर विपक्ष के खिलाफ बयानबाजी को लेकर सुर्खियों में रहती हैं. हाल ही में जब कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव को लेकर अपना मैनिफेस्टो जारी किया तो बांसुरी स्वराज ने न सिर्फ घोषणा पत्र को मजाक बताया बल्कि तस्वीरों को दूसरे देश से उठाकर चिपकाने का आरोप भी लगाया.
स्मृति ईरानी - अमेठी की मौजूदा सासंद और मौजूदा लोकसभा चुनाव में इसी सीट पर बीजेपी की उम्मीदवार स्मृति ईरानी का नाम भी इस लिस्ट में आता है. स्मृति ईरानी 2014 से ही राहुल गांधी के खिलाफ अटैकिंग मोड में नजर आती रही हैं और उनके बयान अक्सर चर्चा में रहते हैं. वाराणसी को लेकर जब राहुल गांधी ने नशे को लेकर निशाना साधा था तो स्मृति ईरानी ने सोनिया गांधी को लपेटे में लेते हुए कहा था कि अगर आप अच्छी परवरिश नहीं दे सकती तो कम से कम धार्मिक स्थलों पर आपत्तिजनक टिप्पणी न करने के बारे में ही समझा दें. इससे पहले जब राहुल गांधी ने सदन में मजाकिया लहजे में आंख मारी थी उस पर भी ईरानी ने उन्हें आड़े हाथ लिया था.
नवनीत कौर राणा - अमरावती की सीट से बीजेपी की उम्मीदवार नवनीत कौर राणा का हालिया बयान सबसे ज्यादा चर्चा में बना हुआ है जिसमें उन्होंने AIMIM के चीफ अकबरुद्दीन ओवैसी के 2013 में दिए गए विवादित और भड़काऊ भाषण का जिक्र किया और कहा कि वो 15 मिनट मांगते हैं और हम कहते हैं कि अगर पुलिस को 15 सेकंड के लिए हटा दिया जाय तो भाइयों का पता नही चलेगा के वे कहां से आए और कहां चले गए.
सरोज पांडे - बीजेपी की महिला मोर्चा अध्यक्ष व दुर्ग की पूर्व सांसद सरोज पांडे भी इस लिस्ट में शुमार हैं जिन्होंने सोनिया गांधी के छत्तीसगढ़ दौरे पर ताना कसते हुए कहा था कि उन्होंने यहां आकर अपने पुरखों की याद दिला दी लेकिन उनको ये सवाल पूछना चाहिए था कि फ्री गैस सिलेंडर का वादा पूरा क्यों नहीं हुआ, अगर उन्हें छत्तीसगढ़ की जनता के हित में कुछ करना है तो सबसे पहले अपने सीएम से लड़ना होगा.
माधवी लता - हैदराबाद की लोकसभा सीट से हिंदुत्ववादी नेत्री की छवि रखने वाली माधवी लता को बीजेपी ने इस बार असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा है. अपने चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने एक मस्जिद की तरफ तीर चलाने का इशारा किया था जिसके बाद उन पर एफआईआर भी दर्ज हुई. पुलिस ने बताया कि मामला 20 अप्रैल को भारतीय दंड संहिता की धारा 295-ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से किया गया कृत्य) के तहत दर्ज किया गया.
विजया राहतकर- मौजूदा समय में भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय सचिव, राजस्थान भाजपा की सह-प्रभारी और भाजपा महिला मोर्चा (भाजपा की महिला विंग) की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष विजया राहतकर का नाम बीजेपी के टॉप राजनेताओं में शुमार है. राहतकार ने लोकसभा चुनाव को लेकर हाल ही में बीजेपी के 25 सीटों पर क्लीन स्वीप करने की भविष्यवाणी की थी और दावा किया था कि अगर राहुल गांधी चुनाव प्रचार के लिए राजस्थान आते हैं तो उनकी पार्टी की हालत और खराब हो जाएगी.
हेमा मालिनी- मथुरा से तीसरी बार बीजेपी के उम्मीदवार के रूप में उतरी हेमा मालिनी का नाम भी इस फेहरिस्त में शामिल है जो खुद को भगवान श्री कृष्ण की गोपी बताती हैं. जब उन्होंने यह दावा किया था कि मैं न नाम के लिए और न ही लोकप्रियता के लिए राजनीति में आई हूं बस भगवान के भक्तों के सेवा करना चाहती हूं तो काफी विवाद हुआ था क्योंकि उनका अपने निर्वाचन क्षेत्र में पहुंचने को लेकर अक्सर सवाल उठता रहता है.
कंगना रानौत- बॉलीवुड अभिनेत्री से राजनीति में एंट्री करने वाली कंगना रानौत हिमाचल के मंडी से चुनावी मैदान में हैं. कंगना की बात करें तो वो राजनीति में आने से पहले से ही अपने बयानों को लेकर चर्चा में रही हैं. टिकट मिलने के बाद उन्होंने यह भी दावा किया कि अगर वो चुनाव जीत जाती हैं तो फिल्मों को छोड़कर अपने काम पर फोकस करेंगी.