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Kedarnath bypoll: केदारनाथ उपचुनाव की जंग क्यों बनी सीएम पुष्कर सिंह धामी Vs गणेश गोदियाल?

उत्तराखंड के मौजूदा सीएम पुष्कर सिंह धामी के लिए केदारनाथ उपचुनाव में बीजेपी को जीत दिलाना बड़ी चुनौती है. उनके अपने राजनीतिक भविष्य के लिए ये महत्वपूर्ण होगा. वहीं कांग्रेस की कोशिश होगी कि केदारनाथ सीट से चुनाव जीतकर एक बार फिर राज्य की राजनीति में जोरदार वापसी करे. कांग्रेस ने गणेश गोदियाल को इस चुनाव को जिताने की जिम्मदारी दी है.

सीएम पुष्कर सिंह धामी Vs गणेश गोदियाल क्यों है मुकाबला?
Courtesy: Social media

उत्तराखंड की केदारनाथ विधानसभा सीट के लिए तारीखों का ऐलान सोमवार को चुनाव आयोग ने कर दिया है. गढ़वाल मंडल के अंतर्गत आने वाली इस सीट पर 20 नवंबर को मतदान होगा. इसी दिन महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए भी वोटिंग होनी है. कुछ महीने पहले जब बद्रीनाथ विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव हुए थे तब बीजेपी को करारी हार मिली. 

कांग्रेस के लिए ये जीत महत्वपूर्ण थी क्योंकि उनके बदरीनाथ से मौजूदा विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे. इसके बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ और बीजेपी  को सीट गंवानी पड़ी. बीजेपी के लिए ये हार इसलिए भी बड़ी थी क्योंकि उसने कांग्रेस से बीजेपी में आए राजेंद्र भंडारी पर दांव खेला था. कांग्रेस ने मंगलौर  के साथ हुए इस उपचुनाव में लखपत बुटौला को बदरीनाथ से अपना उम्मीदवार बनाया और ये सीट जीतकर वापसी की.

बीजपी ने लगाई थी जीत की हैट्रिक

लोकसभा चुनाव 2024 में भी बीजेपी ने पांचों सीटों पर बड़ी अंतर से जीतकर क्लीन स्वीप किया था. ये लगातार तीसरा लोकसभा चुनाव था, जिसमें बीजेपी ने उत्तराखंड में क्लीन स्वीप की हैट्रिक लगाई थी. इससे पहले साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने राज्य में लगातार दूसरी बार सरकार बनाकर इतिहास रचा था. 

केदारनाथ सीट धामी के लिए नाक का सवाल

उत्तराखंड के मौजूदा सीएम पुष्कर सिंह धामी के लिए केदारनाथ उपचुनाव में बीजेपी को जीत दिलाना बड़ी चुनौती है. उनके अपने राजनीतिक भविष्य के लिए ये महत्वपूर्ण होगा. वहीं कांग्रेस की कोशिश होगी कि केदारनाथ सीट से चुनाव जीतकर एक बार फिर राज्य की राजनीति में जोरदार वापसी करे. कांग्रेस ने गणेश गोदियाल को इस चुनाव को जीताने की जिम्मदारी दी है. 

गणेश गोदियाल को मिली बड़ी जिम्मेदारी

उत्तराखंड की कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा ने गणेश गोदियाल को इस उपचुनाव के लिए वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. गणेश गोदियाल पिछले कुछ समय से गढ़वाल में कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा बताए जा रहे हैं. जिस तरह से गोदियाल को चुनाव के ऐलान से ठीक पहले ये बड़ी जिम्मेदारी दी गई है, उससे राज्य का स्थानीय नेतृत्व भी हैरान है.  

दरअसल पिछले हफ्ते ही खटीमा के विधायक भुवन कापड़ी जिन्होंने साल 2022 में सीएम पु्ष्कर सिंह धामी को खटीमा सीट से हराया था. उन्हें और झबरेड़ा विधायक रविंद्र जाती को पार्टी का पर्यवेक्षक नियुक्त किया था. लेकिन जिस तरह से इनके ऊपर गणेश गोदियाल की नियुक्ति की गई है, उससे साफ है कि चुनाव लड़ाने की सारी जिम्मेदारी गोदियाल के कंधों पर होगी. 

सीएम धामी vs गोदियाल क्यों है मुकाबला?

उत्तराखंड  की राजनीति में पकड़ रखने वाले सीनियर पत्रकार पवन लालचंद का मानना है कि बीजेपी और कांग्रेस की तरफ से जो भी इस उपचुनाव में उम्मीदवार हो, लेकिन असली लड़ाई सीएम धामी और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के बीच ही लग रही है. लोकसभा चुनाव में हैट्रिक लगातार बीजेपी अतिआत्मविश्वास का शिकार हो गई.

इसके बाद मंगलौर और बदरीनाथ में पार्टी ने बाहर आए लोगों को उम्मीदवार बनाया और मुंह की खानी पड़ी. धामी जानते हैं कि हार की ठीकरा उनके सिर पर फूटा.लिहाजा एक और हार उनकी कुर्सी भी हिला सकती है. वहीं गणेश गोदियाल कि कोशिश है कि 2027 के विधानसभा के लिए वो कांग्रेस के सामने खुद के सबसे बड़े चेहरे के तौर पर पेश करें. अब देखना होगा कि इनकी जंग में कौन किस पर भारी पड़ता है.