Year Ender 2024: इस साल, कई परीक्षा पेपर लीक विवादों ने पूरे देश में बहस छेड़ी थी. ये विवाद परीक्षा की ईमानदारी, सुरक्षा और सुधार की आवश्यकता को लेकर गंभीर सवाल उठाते हैं. लाखों छात्रों के लिए जो इस साल अपने लक्ष्य को हासिल करने की उम्मीद कर रहे थे, यह साल एक बुरा सपना बनकर उभरा. कई जरूरी परीक्षा पेपर कथित तौर पर लीक हो गए, जिससे indian education system पर सवाल उठने लगे.
नेशनल एलिजिबिलिटी कुम एंट्रेंस टेस्ट अंडरग्रेजुएट (NEET UG) परीक्षा में एक बड़ी लीक की घटना सामने आई. यह परीक्षा मेडिकल फील्ड में प्रवेश के लिए सबसे जरूरी मानी जाती है. यह लीक एक संगठित सीनडिकेट (organized syndicate) द्वारा किया गया था, जो परीक्षा के पेपर को छात्रों और कोचिंग सेंटर के बीच बांटने में सफल रहा. इसके बाद, कई अन्य परीक्षाओं में भी पेपर लीक के मामले सामने आए.
जून में, University Grants Commission की नेट परीक्षा (UGC NET) को रद्द कर दिया गया था. गृह मंत्रालय के इनपुट के बाद यह कदम उठाया गया था, जिसमें कहा गया था कि परीक्षा की ईमानदारी पर सवाल उठने लगे थे. UGC-NET परीक्षा को उस दिन रद्द किया गया था, जब यह आयोजित हुई थी. हालांकि, सीबीआई की जांच में यह पाया गया कि जो स्क्रीनशॉट लीक हुआ था, वह नकली था.
इस साल कई अन्य सार्वजनिक परीक्षाओं में भी घोटाले की घटनाएं सामने आईं. उत्तर प्रदेश में, यूपी लोक सेवा आयोग (UPPSC) के पेपर लीक के बाद कई आरोप लगे. इसके अलावा, यूपी में पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा को भी रद्द किया गया था. तमिलनाडु और महाराष्ट्र में भी टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) और पुलिस भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक होने की खबरें आईं. राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन ने 2023 में आयोजित राजस्व अधिकारी और कार्यकारी अधिकारी की परीक्षा को रद्द कर दिया था, क्योंकि इनकी प्रश्न पत्र लीक हो गए थे.
पेपर लीक से कई छात्रों को गहरा धक्का लगा, जिन्होंने महीनों और सालों तक परीक्षा की तैयारी की थी. इन लीक की वजह से छात्रों को बार-बार परीक्षा देनी पड़ी, लेकिन वे फिर भी यह सुनिश्चित नहीं कर सके कि उनकी मेहनत को सही तरीके से देखा जाएगा. उदाहरण के लिए, NEET UG 2024 के रिटेस्ट में 1,563 छात्रों ने परीक्षा दी और इसके रिजल्ट में 67 टॉपर्स से घटकर केवल 17 टॉपर्स रह गए.
सरकार ने पेपर लीक रोकने के लिए कुछ कदम उठाए हैं, जैसे कि ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से प्रश्न पत्र वितरण. हालांकि, एक्सपर्ट इस उपाय पर संदेह व्यक्त कर रहे हैं, क्योंकि पहले भी इस तरह की कोशिशों में सफलता नहीं मिली थी. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यह भी घोषणा की कि 2025 से, NTA केवल उच्च शिक्षा संस्थानों के प्रवेश परीक्षा ही कराएगा और भर्ती परीक्षाओं का जिम्मा अन्य एजेंसियों को सौंपा जाएगा.