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भेड़पालक समुदाय का बेटा बनेगा अफसर, UPSC परीक्षा क्लियर करने के बाद स्वागत का वीडियो वायरल

UPSC Exam 2025: महाराष्ट्र के अमागे गांव निवासी बीरप्पा ने UPSC 2024 में 551वीं रैंक हासिल की है. यह खबर मिलते ही पूरा परिवार खुशी से झूम उठा और साथ ही गांव में भी खुशी की लहर दौड़ गई है. 22 अप्रैल को जैसे ही रिजल्ट आया फिर 23 अप्रैल को बीरप्पा के परिवार इस खबर की सूचना मिली.

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Edited By: Princy Sharma
UPSC Success Story
Courtesy: Social Media

UPSC Success Story: महाराष्ट्र के अमागे गांव निवासी बीरप्पा ने UPSC 2024 में 551वीं रैंक हासिल की है. यह खबर मिलते ही पूरा परिवार खुशी से झूम उठा और साथ ही गांव में भी खुशी की लहर दौड़ गई है. 22 अप्रैल को जैसे ही रिजल्ट आया फिर 23 अप्रैल को बीरप्पा के परिवार इस खबर की सूचना मिली.

बीरप्पा इस दौरान छुट्टियों अपने रिश्तेदारों के पास घूमने गया था. परिवार ने उसकी सफलता पर खुशी मनाई जहां  रोज भेड़ें चराई जाती हैं. पूरे गांव वालों ने फूल-मालाओं और लोकगीत गाकर पूरे पारंपरिक अंदाज में इस सफलता को सेलिब्रेट किया. इससे जुड़ा वीडियो भी आप देख सकते हैं जिसमें पूरा समुदाय खुशी से झूम उठा है. 

बीरप्पा डोणी की सफलता का राज

हमेशा से बीरप्पा का सपना सेना में अधिकारी बनने का था. उनके भाई भारतीय सेना में कार्यरत हैं. बीरप्पा ने बीटेक से बेच्युलर किया है और वह सेना की परीक्षा देना चाहता था. लेकिन किसी वजह से यह मुमकिन नहीं हो पाया. ऐसे में बीरप्पा ने  इंडिया पोस्ट में नौकरी कर ली. कुछ सालों तक नौकरी करने के बाद नौकरी छोड़ दी और UPSC की परीक्षा तैयारी शुरू की. बीरप्पा ने तीसरे अटेंप्ट में UPSC की परीक्षा क्लियर की . वह चाहते हैं IPS में सिलेक्शन हो जाए. 

बीरप्पा के पिता सिद्धप्पा डोणी कहते का कहना है, 'मुझे इस परीक्षा के बारे में नहीं पता है लेकिन मुझे भरोसा है कि मेरा बेटा होशियार और मेहनती है. लोगों का कहना है कि वह बहुत बड़ा अधिकारी बनेगा. मुझे उस पर गर्व है.'

UPSC परीक्षा 2025 

इस बार UPSC की परीक्षा में करीब 13 लाख लोगों ने आवेदन किया, लेकिन उनमें से सिर्फ 1,009 को ही अफसर बनने का मौका मिला. इन्हीं में से एक नाम है बीरप्पा डोणी का, जो एक गरीब भेड़पालक परिवार से आते हैं.

उनके चाचा यल्लप्पा गड्डी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा, ' हमारे लिए ये बहुत गर्व की बात है. हमारा भतीजा इतनी मुश्किल परीक्षा पास कर पाया. अब वो बाकी युवाओं के लिए प्रेरणा बनेगा. हम चाहते हैं कि वो एक ईमानदार अफसर बने और गरीबों की मदद करें.'