Pariksha Pe Charcha 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से परीक्षा पे चर्चा 2025 कार्यक्रम शुरू कर दिए हैं. यह इस कार्यक्रम का आठवां संस्करण हैं. जिसमें पीएम मोदी सुंदर नर्सरी में छात्रों के साथ बताचीत करते नजर आ रहे हैं.
प्रधानमंत्री मोदी बच्चों के साथ सबसे पहले हस्सी-मजाक करते दिखें. उन्होंने सभी बच्चों को शांत किया. इसके बाद उन्होंने खुद अपने हाथों से बच्चों को तिल का लड्डू परोसा. जिससे बच्चों में खास उत्साह देखने को मिला.
उन्होंने इस खास बातचीत की शुरूआत खाने की बात से की. उन्होंने पोषण के संबंध में कई बातचीत किए. उन्होंने मिलेट को सुपरफुड बताते हुए इसे बढ़ावा दिया. उन्होंने पोषण और परंपरा को एक साथ जोड़ कर उसके महत्व को समझाया. उन्होंने बच्चों से पूछा कि क्या आपको खाना खाने का सही तरीका पता है? पीएम मोदी ने बच्चों को चवा कर खाना-खाने और पानी का टेस्ट लेकर पीने की सलाह दी. साथ ही समय पर भी खाना खाने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि अगर हम बीमार नहीं है इसका मतलब यह नहीं कि हम हेल्दी हैं. इस बात पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है. प्रधानमंत्री ने अच्छे स्वास्थ्य के लिए सही समय पर सोने और सूर्य की रौशनी को सेकने की सलाह भी दी है.
#WATCH | PM Narendra Modi’s 'Pariksha Pe Charcha' with students at Sunder Nursery in Delhi.
— ANI (@ANI) February 10, 2025
This year, 'Pariksha Pe Charcha' comes in a new format and style and brings more experts along with the PM. pic.twitter.com/CYO2bSQNGn
इस खास कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने भी पीएम मोदी से कई सवाल किए. परीक्षाओं में अंक लाने की टेंशन को लेकर पीएम मोदी ने बच्चों को सलाह दी कि अंक लाने की मांग को लेकर आप सबको समझा नहीं सकते इसलिए आप प्रेशर के लिए खुद को तैयार करें और इसे मन में ना लें और अपना पूरा ध्यान पढ़ाई पर लगाएं. किसी और की बातों पर ध्यान ना दें लेकिन खुद से खुद की लड़ाई जरूर लड़ें.
पीएम मोदी ने लीडरशीप स्कील पर बात करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने कहा कि लीडर वो नहीं होता है जो बड़े मंचों से बड़ा-बड़ा भाषण दें. लीडर वो होता है जो खुद को एग्जांपल बनाने में सक्षम होता है. किसी को कुछ सलाह देने से पहले खुद वो सब करें. लीडर वो होता है जो सबका केयर करता है. उन्होंने कहा कि रिस्पेक्ट डिमांड नहीं किया जा सकता है. आपको खुद के व्यवहार को अच्छा करना पड़ता है. लीडर वो नहीं जो दूसरों पर थोप दें बल्कि वो है जिसमें धैर्य हो. उन्होंने लीडरशीप का एक सिद्धांत भी बताया है. जिसमें जहां कम वहां हम होने की बात कही गई, यानी को कुछ कम पड़े तो आप वहां मौजूद रहें यही लीडरशीप होती है. अपने पूरे कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कई कहानी सुनाई, कई उदाहरण दिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बच्चों के कई सवालों के जवाब दिए. जिससे बच्चों के चेहरे पर साफ तौर पर खुशी दिखी.