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India Daily

नीट-पीजी 2024 काउंसलिंग का मामला, सुप्रीम कोर्ट ने तीसरे चरण को रद्द करने की याचिका को किया खारिज

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को नीट-पीजी 2024 काउंसलिंग के अखिल भारतीय कोटा (AIQ) के तीसरे चरण को रद्द करने और इसे नए सिरे से आयोजित करने की याचिका को खारिज कर दिया.

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Edited By: Garima Singh
NEET PG 2024 counseling
Courtesy: X

NEET PG 2024 counseling case: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को नीट-पीजी 2024 काउंसलिंग के अखिल भारतीय कोटा (AIQ) के तीसरे चरण को रद्द करने और इसे नए सिरे से आयोजित करने की याचिका को खारिज कर दिया. याचिकाकर्ताओं ने इस प्रक्रिया में अनियमितताओं का हवाला दिया था, लेकिन अदालत ने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया.

न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और के. विनोद चंद्रन की पीठ ने यह फैसला सुनाया. सुनवाई के दौरान, राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (NMC) की ओर से पेश वकील ने तर्क दिया कि यदि तीसरे चरण की काउंसलिंग को रद्द किया जाता है, तो यह सभी राज्यों पर व्यापक प्रभाव डालेगा, क्योंकि कई छात्रों ने पहले ही प्रक्रिया में भाग ले लिया है. वकील ने अदालत में कहा, "अगर अब काउंसलिंग प्रक्रिया में कोई बदलाव किया जाता है, तो इससे सभी राज्यों में मेडिकल प्रवेश प्रक्रिया प्रभावित होगी."

याचिकाकर्ताओं की आपत्ति क्या थी?

याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि नीट-पीजी 2024 की अखिल भारतीय कोटा (AIQ) काउंसलिंग का तीसरा चरण कुछ राज्यों में दूसरे चरण के समापन से पहले ही शुरू कर दिया गया था. इससे कई उम्मीदवारों को राज्य कोटे और AIQ दोनों में भाग लेने का अवसर मिल गया, जबकि कुछ अन्य उम्मीदवार इस प्रक्रिया से वंचित रह गए.

अदालत का तर्क

पीठ ने कहा कि यदि हम इस याचिका पर विचार करेंगे, तो और भी कई याचिकाकर्ता आ सकते हैं। अदालत ने चार फरवरी को इस मामले में केंद्र सरकार, NMC और अन्य पक्षों से जवाब मांगा था, लेकिन आखिरकार याचिका को खारिज कर दिया गया.

क्या था याचिकाकर्ताओं का पक्ष?

वकील तन्वी दुबे के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया कि AIQ और राज्य कोटा काउंसलिंग कार्यक्रम में टकराव के कारण उम्मीदवार परेशान हैं.

याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि राज्य कोटे से कई अभ्यर्थियों को AIQ चरण-3 में पंजीकरण और सीट प्राप्त करने का अवसर मिल गया, जबकि अन्य उम्मीदवार इससे वंचित रह गए। उनका कहना था कि यह प्रक्रिया न्यायसंगत नहीं थी और इसे फिर से आयोजित किया जाना चाहिए.

क्या आगे कोई विकल्प बचा है?

इस फैसले के बाद, उम्मीदवारों के पास अब AIQ काउंसलिंग प्रक्रिया को चुनौती देने का कोई बड़ा कानूनी आधार नहीं बचा है. हालांकि, भविष्य में इस प्रक्रिया में बदलाव के लिए सरकार और NMC को कुछ निर्देश दिए जा सकते हैं.