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Maha Kumbh 2025: इंजीनियर से संन्यासी बनने तक का सफर, जानिए क्या है महाकुंभ में फेमस होने वाले आचार्य नारायणन की कहानी

महाकुंभ की धमक हमेशा से ही बहुत खास रही है. लेकिन इस साल कुछ अलग है. कई चेहरों की चर्चा बहुत हो रही है. कह सकते हैं कि कोई अपनी आंखों के लिए तो कोई अच्छी खासी इंजीनियर की नौकरी छोड़ कर संन्यास लेने के लिए सुर्खियों में बने हुए है.

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Edited By: Reepu Kumari
Maha Kumbh 2025: The journey from being an engineer to becoming a sanyasi, know the story of Acharya
Courtesy: Pinteres

Maha Kumbh 2025: महाकुंभ 2025 की शुरुआत के साथ ही प्रयागराज में 45 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु जुटने वाले हैं. इस दौरान कई प्रेरक आध्यात्मिक कहानियां सामने आ रही हैं. ऐसी ही एक कहानी आचार्य जयशंकर नारायणन की है, जो आईआईटी-बीएचयू से स्नातक हैं और इंजीनियर से संन्यासी बन गए हैं. वे वेदांत और संस्कृत पढ़ाते हैं.

आचार्य नारायणन ने 1992 में आईआईटी-बीएचयू से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और 1993 में अमेरिका जाने से पहले उन्होंने टाटा स्टील में काम किया. अमेरिका में रहने के दौरान उनकी मुलाकात उनके गुरु स्वामी दयानंद सरस्वती से हुई, जिनकी वेदांत की शिक्षाओं ने उनके जीवन को बदल दिया.

कहानी आचार्य जयशंकर नारायणन की 

श्री नारायणन ने बताया, 'मैं पहली बार गुरु जी से मिला था और उनके प्रवचन सुनने के बाद मेरी वेदांत में रुचि पैदा हो गई.'  1995 में वे भारत लौट आए और गुरुकुलम में आवासीय पाठ्यक्रम में शामिल हो गए, और खुद को वेदांत के अध्ययन के लिए समर्पित कर दिया. पिछले 20 वर्षों से नारायणन वेदांत और संस्कृत पढ़ा रहे हैं.

अपनी यात्रा के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, 'जब मैं आईआईटी में शामिल हुआ तो मुझे लगा कि यह एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन मेरे जैसे कई अन्य लोग भी थे जिन्होंने प्रवेश परीक्षा पास की थी. कुछ समय बाद, यह कोई बड़ी बात नहीं लगी.' 

फेमस होने पर क्या बोले बाबा? 

उन्होंने आगे कहा, 'सभी उपलब्धियां केवल उस समय के लिए महत्वपूर्ण लगती हैं, लेकिन अंततः वे सामान्य हो जाती हैं और आप अपने अगले लक्ष्य की ओर काम करना शुरू कर देते हैं.' महाकुंभ 2025 ने कई संतों को भी सुर्खियों में ला दिया है. इनमें से एक हैं 'चाय वाले बाबा', जो एक पूर्व चाय विक्रेता हैं और पिछले 40 वर्षों से सिविल सेवा उम्मीदवारों को मुफ्त कोचिंग प्रदान कर रहे हैं. इसी तरह, राबड़ी बाबा, जिन्हें श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के श्री महंत देवगिरी के नाम से भी जाना जाता है, अपनी निस्वार्थ सेवा के लिए ध्यान आकर्षित कर रहे हैं. एक अन्य उल्लेखनीय व्यक्ति हैं 'आईआईटी बाबा', जो आईआईटी बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियर रह चुके हैं.

प्रत्येक 12 वर्ष पर आयोजित होने वाला महाकुंभ 13 जनवरी को शुरू हुआ और 26 फरवरी, 2025 को समाप्त होगा.