Education Budget 2025 Expectations: भारत का केंद्रीय बजट 2025 आगामी 1 फरवरी को पेश होने वाला है और यह शिक्षा क्षेत्र के लिए एक अहम मौका माना जा रहा है. पिछले कुछ सालों में शिक्षा के क्षेत्र में कई बदलाव हुए हैं, खासकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत. इस नीति के जरिए समावेशी और समान शिक्षा प्रदान करने का वादा किया गया है, जिसके तहत शिक्षा के डिजिटलाइजेशन, वोकेशनल ट्रेनिंग, और नवाचार की दिशा में कई कदम उठाए गए हैं. इंडस्ट्री एक्सपर्ट इस बार शिक्षा बजट से कई अपेक्षाएं रखते हैं, जिनमें खास तौर से AI, रोबोटिक्स, और IoT जैसे क्षेत्रों में कौशल विकास पर जोर दिया जा रहा है.
रोहित गजभिये का मानना है कि केंद्रीय बजट 2025 में शिक्षा-फिनटेक इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए प्रगतिशील उपायों की जरुरत है. उन्होंने ब्याज-मुक्त या सब्सिडी वाली योजनाओं, डिजिटल वित्तीय समाधानों और कर प्रोत्साहन के माध्यम से छात्रों और संस्थानों के लिए वित्तीय पहुंच बढ़ाने का सुझाव दिया है. उनका कहना है कि इससे शिक्षा के लिए सामर्थ्य बढ़ेगा और छात्रों को बेहतर अवसर मिलेंगे.
जय डेकोस्टा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत शिक्षा में निवेश को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, खासकर डिजिटल लर्निंग और IT बुनियादी ढांचे के एकीकरण के लिए. उनका मानना है कि शिक्षा के डिजिटल परिवर्तन को तेज करने के लिए यह जरूरी है कि इस बजट में अधिक निवेश किया जाए, जिससे कक्षाओं में टेक्नोलॉजी का प्रभावी तरीके से उपयोग हो सके और डिजिटल साक्षरता में सुधार हो.
वीरसुंदर वी की अपेक्षाएं इंडस्ट्री-अकादमिक सहयोग को मजबूत करने पर केंद्रित हैं, ताकि कौशल कार्यक्रमों को बाज़ार की जरूरतों से जोड़ा जा सके. वे यह भी चाहते हैं कि सरकार AI और IoT जैसे उच्च-मांग वाले क्षेत्रों में कौशल कार्यक्रमों में निवेश करे और मध्य-करियर अपस्किलिंग को बढ़ावा दे. इसके साथ ही, महिला उद्यमिता को प्रोत्साहित करने की भी जरूरत है. उनका कहना है कि जेन जेड के लिए कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए, क्योंकि उनका भविष्य में वैश्विक अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर होगा.
प्रतीक शुक्ला का कहना है कि इस बजट में शिक्षा के लिए सकल घरेलू प्रोजक्ट (GDP) के 6 प्रतिशत तक आवंटन बढ़ाया जा सकता है, जो कौशल कार्यक्रमों और सार्वजनिक-निजी भागीदारी को मजबूत करेगा. उनका मानना है कि हाई-स्पीड इंटरनेट, किफायती डिवाइस, और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश करके डिजिटल और समावेशी शिक्षा को बढ़ावा दिया जा सकता है, जिससे देश के सबसे दूरदराज के इलाकों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुँच सके.
अर्नव कुमार ने डिजिटल शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि बजट में डिजिटल बुनियादी ढांचे को बढ़ाने, ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने और मानकीकृत गुणवत्ता मूल्यांकन ढांचे को विकसित करने में निवेश किया जाना चाहिए. इसके अलावा, वे चाहते हैं कि सरकार अंतरराष्ट्रीय शिक्षा को सस्ती और सुलभ बनाने के लिए नीतियां बनाए, ताकि भारत का शिक्षा क्षेत्र वैश्विक स्तर पर अपनी पूरी क्षमता को उजागर कर सके.