CBSE Board Exam 2025: कैसा था अंग्रेजी का पेपर? परीक्षा हॉल से बल्ले -बल्ले करते निकले छात्र

सीबीएसई कक्षा 10वीं की अंग्रेजी बोर्ड परीक्षा 2025 की शुरुआत आज से हो गई है. पहले दिन अंग्रेजी का पेपर था. एग्जाम हॉल से निकलते छात्रों के चेहरे से साफ पता चल रहा था कि पेपर कैसा रहा होगा. हालांकि एक्सपर्ट की मानें को पेपर काफी ज्यादा मुश्किल था.

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CBSE Board Exam 2025: सीबीएसई कक्षा 10वीं की अंग्रेजी बोर्ड परीक्षा 2025 आज, 15 फरवरी को आयोजित की गई, जिससे छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षा की शुरुआत हुई.

विशेषज्ञों के अनुसार, पेपर अच्छी तरह से संरचित था, मध्यम कठिनाई स्तर का था, और इसमें सभी प्रमुख विषयों को शामिल किया गया था. 

हालांकि, कुछ त्रुटियां और अस्पष्टताएं भी थीं, जिससे छात्रों को उत्तर लिखने में कठिनाई हो सकती थी.

पेपर सेट में विविधता

शिव नादर स्कूल, फरीदाबाद की विभागाध्यक्ष (अंग्रेजी) मीनाक्षी शर्मा के अनुसार, प्रश्नपत्र के तीनों सेटों में उल्लेखनीय अंतर था.

सेट 1: अधिक चुनौतीपूर्ण था, जिसमें साहित्य में आलोचनात्मक चिंतन वाले प्रश्न और अनुमान-आधारित लंबे उत्तर थे.

सेट 2 और सेट 3: अपेक्षाकृत सरल और अधिक प्रत्यक्ष प्रश्नों पर केंद्रित थे.

हालांकि, सेट 1 प्राप्त करने वाली छात्रा ख़ुशी ने इसे आसान पाया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि जिन छात्रों ने अच्छी तैयारी की थी, उन्हें कोई विशेष कठिनाई नहीं हुई.

पठन और लेखन अनुभाग

खबर की मानें तो रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन सेक्शन आसान था, जिसमें विश्लेषणात्मक पैराग्राफ के प्रश्न सीबीएसई के सैंपल पेपर्स के समान थे.

लेखन अनुभाग सरल और स्पष्ट था, जिससे छात्रों को उत्तर तैयार करने में सुविधा हुई.

व्याकरण अनुभाग आसान से औसत स्तर का था और पाठ्यक्रम के अनुरूप था.

साहित्य अनुभाग

जैन इंटरनेशनल रेसिडेंशियल स्कूल, बेंगलुरु की अंग्रेजी शिक्षिका महिमा डुडेजा और सिल्वरलाइन प्रेस्टीज स्कूल, गाजियाबाद की विभागाध्यक्ष (अंग्रेजी) प्रतिमा झा के अनुसार;

  • लघु-उत्तरीय प्रश्न सरल लेकिन गहराई से सोचने की मांग करते थे.
  • संदर्भ-से-संदर्भ वाले प्रश्न गहन विश्लेषण की आवश्यकता वाले थे.

दीर्घ-उत्तरीय प्रश्न कभी-कभी चरित्र तुलना पर आधारित थे, जिससे छात्रों की आलोचनात्मक सोच परखने का अवसर मिला.

समग्र विश्लेषण

पेपर की लंबाई मध्यम थी, जिससे छात्रों को समय पर समाप्त करने में कोई विशेष परेशानी नहीं हुई. अधिकांश प्रश्न कक्षा अभ्यास से परिचित थे, जिससे यह परीक्षा छात्रों के लिए अनुकूल बनी.

प्रतिमा झा ने पेपर को 7/10 रेटिंग दी और सुधार के लिए कुछ सुझाव दिए;

  • प्रश्नों की स्पष्टता बढ़ाई जाए.
  • प्रश्नों की विविधता में संतुलन बनाए रखा जाए.
  • त्रुटियों से बचा जाए ताकि छात्रों को उत्तर लिखने में कोई भ्रम न हो.

कुल मिलाकर, परीक्षा संतुलित और निष्पक्ष थी. परीक्षा हॉल से बाहर निकलते समय अधिकांश छात्र संतुष्ट नजर आए. हालांकि, प्रश्नों में अधिक स्पष्टता और त्रुटिहीन संरचना की आवश्यकता है, जिससे आने वाले वर्षों में यह परीक्षा और बेहतर बनाई जा सके.