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India Daily

विश्व बैंक ने घटाई भारत की विकस दर, वित्त वर्ष 2026 में 6.3% की रफ्तार से बढ़ेगा देश

World Bank Cuts India Growth Rate: विश्व बैंक ने वैश्विक आर्थिक कमजोरी और नीतिगत अनिश्चितता के कारण भारत के विकास अनुमान को घटाकर 6.3% कर दिया है.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
World Bank Cuts India Growth Rate for Financial year 2026 to 6 point 3 percent
Courtesy: Social Media

World Bank Cuts India Growth Rate: विश्व बैंक ने भारत की आर्थिक वृद्धि को लेकर अपने ताजा अनुमान में कटौती की है. अब वित्त वर्ष 2026 में भारत की विकास दर 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो पिछले अक्टूबर के पूर्वानुमान से 0.4 प्रतिशत अंक कम है. यह संशोधन वैश्विक अनिश्चितताओं और कमजोर होती अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए किया गया है.

विश्व बैंक ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती अनिश्चितता के कारण विकासशील देशों के सामने कई चुनौतियाँ खड़ी हो रही हैं. भारत की अर्थव्यवस्था, जो पिछले वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी, अब थोड़ी धीमी हो सकती है. हालांकि, सरकार द्वारा किए जा रहे वित्तीय उपायों से अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखने में मदद मिलेगी.

निवेश और खपत को मिलेगा कुछ सहारा

रिपोर्ट के अनुसार, मौद्रिक नीतियों में ढील और नियामकीय सुधारों से निजी निवेश को प्रोत्साहन मिल सकता है. वहीं, आयकर में छूट और सार्वजनिक निवेश योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन से घरेलू खपत और सरकारी निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. हालांकि, वैश्विक व्यापार की धीमी गति और व्यापार नीतियों में बदलाव से निर्यात प्रभावित हो सकता है.

बजट में दी गई कर राहत से बढ़ेगी मांग

हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट में मध्यम वर्ग को राहत दी गई है. इसमें 12 लाख रुपये तक की आय पर कर छूट और उच्च आय वर्ग के लिए कर स्लैब को सरल किया गया है. इससे उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा मिलने की संभावना है.

अन्य संस्थानों के अनुमान

विश्व बैंक का अनुमान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुमान से थोड़ा अधिक है. IMF ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2026 के लिए 6.2 प्रतिशत और 2027 के लिए 6.3 प्रतिशत बताई है. वहीं, भारतीय रिजर्व बैंक अधिक आशावादी नजर आ रहा है और उसने चालू वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत विकास दर का अनुमान जताया है.

भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में दो बार ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की है, जिससे रेपो रेट अब 6 प्रतिशत पर पहुंच गया है. इससे कर्ज सस्ता होने की उम्मीद है, जो निवेश और खपत को बढ़ावा दे सकता है.

सेवा क्षेत्र में दिखा सुधार

अप्रैल महीने के लिए जारी प्रारंभिक आंकड़ों से पता चलता है कि भारत के निजी क्षेत्र की गतिविधियां बढ़ी हैं. सेवाओं और विनिर्माण क्षेत्र में सुधार देखने को मिला है और सूचकांक आठ महीने के उच्चतम स्तर 60 पर पहुंच गया है.

दक्षिण एशिया के लिए भी चिंता

विश्व बैंक ने यह भी चेतावनी दी है कि दक्षिण एशिया के अन्य देशों की तरह भारत को भी कई जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है. इस क्षेत्र की युवा आबादी के लिए पर्याप्त रोजगार सृजन एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. रिपोर्ट में यह सुझाव भी दिया गया कि प्रवासी भारतीयों की विशेषज्ञता, नेटवर्क और संसाधनों का बेहतर उपयोग कर निवेश और व्यापार को बढ़ाया जा सकता है.