Why to invest in PPF before 5th April: अगर आप इस वित्तीय वर्ष में PPF (Public Provident Fund) में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो 5 अप्रैल से पहले निवेश करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है. भले ही निवेश की सीमा और लॉक-इन अवधि वही रहती है, लेकिन निवेश का समय आपके ब्याज पर बड़ा असर डाल सकता है.
PPF का ब्याज कैसा होता है?
PPF में ब्याज हर महीने के 5 तारीख से लेकर माह के अंत तक के बीच के न्यूनतम बैलेंस पर आधारित होता है. इसका मतलब है कि यदि आप महीने के 5 तारीख के बाद निवेश करते हैं, तो उस महीने का ब्याज आपको पूरे निवेश पर नहीं मिलेगा.
समय का निवेश पर प्रभाव
मान लीजिए आपने 6 अप्रैल को PPF खाते में ₹1.5 लाख जमा किए, और आपके खाते में पहले से ₹1 लाख था. इस स्थिति में अप्रैल महीने का ब्याज केवल ₹1 लाख पर ही मिलेगा, न कि ₹2.5 लाख पर. इसका मतलब है कि ₹1.5 लाख पर एक महीने का ब्याज पूरी तरह से खो जाएगा.
अब, अगर आपने ये ₹1.5 लाख 4 अप्रैल को जमा किए होते, तो अप्रैल महीने का पूरा ब्याज ₹2.5 लाख पर मिलता. इस छोटे से समय के अंतर से आपका ब्याज काफी बढ़ सकता है.
लंबी अवधि में कितना फर्क पड़ता है?
समझिए कि आप हर साल PPF में ₹1.5 लाख का निवेश करते हैं. एक महीने का देर से निवेश, जैसे कि हर साल 6 अप्रैल को निवेश करना, 15 सालों में आपके फाइनेंशियल रिटर्न्स पर बड़ा असर डाल सकता है. समय की सही पहचान से आपके पूरे निवेश पर ब्याज का बड़ा फायदा हो सकता है.
ब्याज का चक्रवृद्धि (Compound Interest) प्रभाव
PPF पर ब्याज 7.1% सालाना चक्रवृद्धि के रूप में मिलता है. इसका मतलब है कि निवेश पर मिलने वाला ब्याज भी अगले साल के ब्याज का हिस्सा बन जाता है. यदि आप 5 अप्रैल से पहले निवेश करते हैं, तो आपको पूरे साल का ब्याज मिलेगा और आपके द्वारा किए गए निवेश पर अधिक ब्याज का लाभ उठाने का मौका मिलेगा.
एक माह की देरी से क्या फर्क पड़ता है?
आप सोच सकते हैं कि एक महीने का फर्क तो बहुत मामूली है, लेकिन जब बात PPF के 15 साल या उससे अधिक की होती है, तो यह फर्क बड़ा बन जाता है. समय पर निवेश करने से आपके भविष्य के रिटर्न्स काफी बेहतर हो सकते हैं, और यह छोटे-छोटे अंतराल पर ध्यान देने से संभव होता है.