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Adani Bribery Case: डोलने लगा गौतम अडाणी का साम्राज्य, सामने आया रिश्वत लेने वाले पहले अधिकारी नाम

इस रिश्वत कांड लेकर अदालत में पेश किए गए दस्तावेजों में इश अधिकारी को  "विदेशी अधिकारी #1" के रूप में संदर्भित किया गया है जिसने मीडिया और जनता के बीच काफी जिज्ञासा पैदा कर दी है. अमेरिकी अदालत के दस्तावेजों में इस अधिकारी का नाम सामने आने के बाद, हर कोई जानना चाहता है कि यह व्यक्ति कौन है और अडाणी समूह से रिश्वत प्राप्त करने का आरोप किस पर है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Adani Bribery Case

Adani Bribery Case:  गौतम अडाणी का जैसे-तैसे हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से पीछा छूटा था लेकिन अब वह एक और परेशानी में फंस गए हैं. अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) ने आरोप लगाया है कि गौतम अडाणी और उनके सहयोगियों ने भारत में अपनी रिन्युबल एनर्जी कंपनी के लिए 25 करोड़ डॉलर यानी तकरीबन दो हजार करोड़ रुपये से अधिक की रिश्वत दी और अमेरिका में पूंजी जुटाने के वक्त निवेशकों से ये जानकारी छिपाई. इस घोटाले में आंध्र प्रदेश के एक सरकारी अधिकारी का नाम सामने आया है. 

इस रिश्वत कांड लेकर अदालत में पेश किए गए दस्तावेजों में इश अधिकारी को  "विदेशी अधिकारी #1" के रूप में संदर्भित किया गया है जिसने मीडिया और जनता के बीच काफी जिज्ञासा पैदा कर दी है. अमेरिकी अदालत के दस्तावेजों में इस अधिकारी का नाम सामने आने के बाद, हर कोई जानना चाहता है कि यह व्यक्ति कौन है और अडाणी समूह से रिश्वत प्राप्त करने का आरोप किस पर है.

कौन है 'विदेशी अधिकारी #1' 
अमेरिकी अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया है कि अडाणी समूह ने 2020 से 2024 के बीच भारतीय सरकारी अधिकारियों को लगभग 2,029 करोड़ रुपये (265 मिलियन डॉलर) की रिश्वत दी थी, जिसमें से 1,750 करोड़ रुपये "विदेशी अधिकारी #1" को दिए गए थे. यह रिश्वत विशेष रूप से आंध्र प्रदेश राज्य में सोलर पावर के ठेके हासिल करने के लिए दी गई थी.

इस विदेशी अधिकारी को भारतीय नागरिक बताया गया है और अदालत की फाइलिंग के अनुसार, यह व्यक्ति मई 2019 से जून 2024 तक आंध्र प्रदेश सरकार में उच्च पदस्थ अधिकारी के रूप में कार्यरत था. हालांकि, कोर्ट के दस्तावेजों में इस अधिकारी का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है, जिससे इस रहस्यमयी शख्सियत को लेकर अटकलों का दौर जारी है.

अडाणी समूह का सोलर पावर सौदा
2020 में, अडाणी ग्रीन एनर्जी और एक अन्य नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी ने सरकारी स्वामित्व वाली सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) से 12 गीगावाट सोलर पावर आपूर्ति का समझौता किया. हालांकि, SECI को पावर के खरीदार ढूंढने में कठिनाई हो रही थी, जिससे इस समझौते के जोखिम में पड़ने की संभावना थी.

अडाणी समूह ने कथित तौर पर सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी, ताकि वे राज्य के पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों को SECI से पावर खरीदने के लिए राजी कर सकें. यही वह समय था जब "विदेशी अधिकारी #1" की भूमिका सामने आई. अमेरिकी अभियोजन पक्ष के अनुसार, अडाणी समूह ने इस अधिकारी को 228 मिलियन डॉलर (लगभग 1,750 करोड़ रुपये) की रिश्वत दी, जिसके बदले में इस अधिकारी ने आंध्र प्रदेश में 7 गीगावाट सोलर पावर खरीदने के लिए बिजली वितरण कंपनियों से एक सौदा सुनिश्चित किया.

अडाणी और 'विदेशी अधिकारी #1' की मुलाकातें
अदालती दस्तावेज़ों में यह भी उल्लेख किया गया है कि गौतम अडाणी ने 2021 में आंध्र प्रदेश में "विदेशी अधिकारी #1" से कई बार मुलाकात की थी. इन मुलाकातों में अगस्त 7, सितंबर 12 और नवंबर 20, 2021 की तारीखें शामिल थीं. इन बैठकों के बाद, आंध्र प्रदेश की पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों ने SECI के साथ 7 गीगावाट सोलर पावर की खरीद के लिए एक पावर सेल एग्रीमेंट (PSA) पर हस्ताक्षर किए. इसके अलावा, जुलाई 2021 से फरवरी 2022 के बीच तीन अन्य राज्य (छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, ओडिशा) और जम्मू-कश्मीर संघ प्रदेश ने भी सोलर पावर खरीदने के लिए SECI के साथ समझौते किए.