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नए Income Tax Bill-2025 में कौन-सी आय नहीं होगी टोटल इनकम का हिस्सा? जानें नए प्रावधान

देश में आयकर कानून में महत्वपूर्ण परिवर्तन की तैयारी की जा रही है. सरकार ने आयकर विधेयक-2025 का प्रारूप प्रस्तुत किया है, जिसमें कई नए प्रावधान शामिल हैं. आइए, हम ये जानते हैं कि कौन-कौन सी आयें आपकी कुल आय में शामिल नहीं की जाएंगी.

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Edited By: Ritu Sharma
New Income Tax Bill 2025
Courtesy: New Income Tax Bill 2025

Income Tax Bill 2025: भारत में इनकम टैक्स कानून में एक बड़ा बदलाव आ रहा है. सरकार ने नया आयकर विधेयक-2025 का ड्राफ्ट जारी कर दिया है, जिसमें कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं. यह विधेयक आयकर कानून को सरल बनाने का प्रयास करता है और इसमें विशेष रूप से उन आय वर्गों का उल्लेख है, जिन्हें कुल आय में शामिल नहीं किया जाएगा. आइए जानते हैं कि कौन-कौन सी आय आपकी टोटल इनकम का हिस्सा नहीं होंगी और टैक्स से मुक्त रहेंगी.

नया आयकर विधेयक 2025: क्या बदलने वाला है?

 आपको बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 13 फरवरी 2025 को लोकसभा में नए इनकम टैक्स बिल को पेश करने का ऐलान किया है. इससे पहले बुधवार को सरकार ने इस बिल का ड्राफ्ट जारी किया था. इस विधेयक में आयकर कानून की भाषा में बदलाव किए गए हैं. सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब 'फाइनेंशियल इयर' या 'असेसमेंट इयर' की जगह 'टैक्स इयर' शब्द का प्रयोग किया जाएगा, जिससे टैक्स कैलकुलेशन की प्रक्रिया और स्पष्ट होगी.

कौन सी इनकम नहीं होगी टोटल इनकम का हिस्सा?

वहीं नए इनकम टैक्स बिल के तहत, कई प्रकार की आय को टोटल इनकम में शामिल नहीं किया जाएगा. विधेयक के चैप्टर-3 में इस विषय पर विस्तार से चर्चा की गई है. विधेयक की अनुसूची-2, 3, 4, 5, 6 और 7 में जो क्लॉज बनाए गए हैं, उनके तहत विभिन्न प्रकार की आय को टैक्स के कैलकुलेशन में शामिल नहीं किया जाएगा. इनमें प्रमुख रूप से खेती से होने वाली आय, जीवन बीमा की रकम, और कर्मचारी भविष्य निधि (PF) से प्राप्त आय जैसी स्रोत शामिल हैं. हालांकि, अगर किसी वर्ष में इन नियमों के तहत निर्धारित शर्तें पूरी नहीं होतीं, तो उन पर उसी वर्ष के अनुसार टैक्स लागू होगा.

राजनीतिक दलों और इलेक्टोरल ट्रस्ट्स के लिए अलग नियम

बताते चले कि नए विधेयक में राजनीतिक दलों और इलेक्टोरल ट्रस्ट्स के लिए भी खास प्रावधान किए गए हैं. इनकी आय को टोटल इनकम में शामिल नहीं किया जाएगा. विधेयक की अनुसूची-8 के तहत राजनीतिक दलों को अपनी संपत्ति से आय और कैपिटल गेन का हिसाब रखना होगा. यदि वे 20,000 रुपए से अधिक का इलेक्टोरल बॉन्ड लेते हैं या 2,000 रुपए से अधिक का डोनेशन प्राप्त करते हैं, तो उन्हें इसका रिकॉर्ड रखना अनिवार्य होगा.

नए नियमों का प्रभाव

इसके अलावा, इस नए विधेयक का उद्देश्य आयकर प्रणाली को अधिक पारदर्शी और सरल बनाना है. इस बदलाव के बाद लोगों को अपनी आय के स्रोतों को सही तरीके से रिपोर्ट करने और समझने में मदद मिलेगी.