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फरवरी में वेज थाली रही सस्ती, नॉन वेज खाने वालों को लगा बड़ा झटका, 6% हुई महंगी

Veg thali becomes cheaper: फरवरी 2025 में वेज थाली सस्ती रही. वहीं, नॉन वेज थाली की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Veg thali becomes cheaper Non-veg thali hike 6 percent in Feb know why
Courtesy: Social Media

Veg thali becomes cheaper: फवरी 2025 में वेज खाने में 1 फीसदी की गिरावट देखने को मीली. वेज थाली की कीमत कम रही. वेज थाली के सस्ती होने की वजह टमाटर और एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में आई कमी रही. दरअसल, टमाटर की कीमतों में 28% और एलपीजी की कीमतों में 11% तक सस्ती हुई थी.

क्यों सस्ती हुई  वेज थाली?

फरवरी 2025 में वेज थाली की कीमत में 1% की गिरावट देखने को मिली. यह गिरावट टमाटर की कीमतों में आई 28% की कमी और एलपीजी की कीमतों में 11% की गिरावट के कारण हुई. क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार, वेज थाली की कीमतों में कमी का मुख्य कारण टमाटर की कीमतों में गिरावट रही, जो ₹32 प्रति किलो से घटकर ₹23 प्रति किलो हो गई. इसके अलावा, एलपीजी सिलिंडर की कीमत ₹903 से घटकर ₹803 हो गई, जिससे वेज थाली की तैयारी सस्ती हुई.

वेज थाली की कीमत में गिरावट हुई, लेकिन कुछ अन्य सामग्री की कीमतों ने इस कमी को थोड़ा संतुलित कर दिया. प्याज की कीमतों में 11% की वृद्धि, आलू की कीमतों में 16% का उछाल और वनस्पति तेलों की कीमतों में 18% का इजाफा हुआ, जिससे वेज थाली की कुल कीमत में कुछ प्रभाव पड़ा.

नॉन वेज थाली हुई महंगी

नॉन वेज थाली की कीमत में करीब 6% की बढ़ोतरी हुई. इसके मुख्य कारण ब्रोइलर चिकन की कीमतों में 15% की वृद्धि और मक्का की कीमतों में 6% का इजाफा रहा. मक्का, जो कि पोल्ट्री फीड का एक मुख्य घटक है, की कीमत बढ़ने से नॉन वेज थाली की लागत भी बढ़ी.

नॉन वेज की कीमतों में बढ़ोतरी का कारण मुख्य रूप से पिछले साल की तुलना में ब्रोइलर चिकन की कीमतों में हुई वृद्धि रही. पिछले साल ब्रोइलर चिकन की कीमतों में गिरावट थी क्योंकि आपूर्ति अधिक थी, लेकिन इस साल मांग में वृद्धि और उत्पादन की लागत में इजाफा होने के कारण कीमतें बढ़ गईं.