RBI Governor Sanjay Malhotrao on Repo Rate: आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपने जीडीपी विकास अनुमानों को पहले के 6.7% से घटाकर 6.5% कर दिया है. आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के कारण बनी वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं को देखते हुए रेपो रेट में गिरावट की सीमा अभी अनिश्चित है. हल्के-फुल्के अंदाज में उन्होंने कहा, 'मैं संजय हूं, पर महाभारत का संजय नहीं हूं...' आरबीआई गवर्नर की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने बुधवार को रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती कर इसे 6.5% कर दिया.
यह इस कैलेंडर वर्ष में दूसरी दर कटौती है और महत्वपूर्ण बात यह है कि आरबीआई ने अपने नीतिगत रुख को तटस्थ से बदलकर उदार कर दिया है. आरबीआई गवर्नर ने अपने बयान में बताया कि उदार रुख का मतलब है कि केंद्रीय बैंक या तो यथास्थिति बनाए रखेगा या आगामी मौद्रिक नीति समीक्षाओं में दरों में कटौती करेगा.
यह पूछे जाने पर कि क्या उभरते वैश्विक आर्थिक माहौल में आरबीआई को और अधिक भारी काम करने की आवश्यकता होगी, मल्होत्रा ने कहा, 'यह एक संयुक्त प्रयास है. आप जानते हैं कि कौन अधिक भारी काम करता है, आदि. सरकार ने अपना काम किया है. मुझे लगता है कि आपने हाल ही में जो बजट देखा है, उसमें बहुत सारे उपाय किए गए हैं, चाहे आप जानते हैं कि यह बढ़े हुए पूंजीगत व्यय के संदर्भ में हो, चाहे यह व्यक्तिगत आयकर पक्ष पर कर छूट के संदर्भ में हो.'
मल्होत्रा ने कहा, 'हमने रेपो दरें कम कर दी हैं. हमने आगे बढ़ने के लिए अपना रुख बदल दिया है, जिसका मतलब है कि नीतिगत रेपो दर की दिशा नीचे की ओर है, यह कहां पहुंचेगी, यह हम वास्तव में नहीं जानते. 'मैं संजय हूं, लेकिन मैं महाभारत का संजय नहीं हूं, जो इतनी दूर की भविष्यवाणी कर सकता हूं.' मेरे पास वह दिव्य दृष्टि नहीं है जो उनके पास थी.'
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अपने जीडीपी विकास अनुमानों को पहले के 6.7% से घटाकर 6.5% कर दिया है. केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने वर्तमान में चल रहे टैरिफ युद्ध के कारण अनिश्चितताओं को बढ़ाने की चेतावनी दी है.