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India Daily

ट्रंप के टैरिफ ने हिला डाला, धड़ाम से गिरा भारतीय शेयर बाजार, नहीं दिखा बजट का टैक्स फ्री वाला असर

भारतीय बाजार ने बजट की घोषणाओं को लेकर कुछ उम्मीदें जताई थीं, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ के कारण वैश्विक बाजारों में जो दबाव आया, उसने भारतीय शेयर बाजार को भी प्रभावित किया. बजट की टैक्स राहत की घोषणा का असर फिलहाल बाजार में नहीं दिखाई दे रहा है, और वैश्विक आर्थिक दबावों ने भारतीय रुपये और शेयर बाजार पर दबाव बना दिया है.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
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Courtesy: Social Media

Share Market: 2025 का आम बजट (Union Budget 2025) पेश होने के बाद भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली. इस बजट से सभी को उम्मीद थी कि बाजार में सकारात्मक बदलाव आएगा, लेकिन इस बजट के बड़े एलान के बावजूद भारतीय बाजार में कोई खास असर नहीं दिखा. बजट में आय तक 12 लाख रुपये तक को टैक्स फ्री करने की घोषणा की गई थी, जिसे लेकर बाजार में अच्छी प्रतिक्रिया की उम्मीद थी, लेकिन यह उम्मीद पूरी नहीं हो पाई. क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ बाजार पर हावी रहा. 

शेयर बाजार में भारी गिरावट

आज सुबह जब शेयर बाजार खुले, तो दोनों प्रमुख सूचकांकों, सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty), में बड़ी गिरावट देखने को मिली. सेंसेक्स 700 अंक नीचे गिरा और निफ्टी भी 200 अंक से अधिक गिरावट के साथ खुला.

बजट के बाद बाजार में उठने वाली हलचल को लेकर जो उम्मीदें थीं, वो पूरी नहीं हो पाईं. बजट में घोषित किए गए विभिन्न क्षेत्रों के लिए आवंटन और टैक्स में राहत देने के बाद भी बाजार में कोई सुधार नजर नहीं आया.

ट्रंप का टैरिफ युद्ध और बाजार पर असर

वहीं दूसरी तरफ, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कई देशों पर लगाए गए टैरिफ (शुल्क) ने भी भारतीय शेयर बाजार को प्रभावित किया. शनिवार को ट्रंप ने कनाडा, मैक्सिको और चीन के खिलाफ शुल्क बढ़ाने की घोषणा की थी. इससे भारतीय बाजार में और दबाव आया, क्योंकि इन देशों पर शुल्क बढ़ने का असर भारतीय व्यापार पर भी पड़ सकता है.

अमेरिका ने कनाडा और मैक्सिको के सामान पर 25 प्रतिशत का शुल्क लगाया और चीन के खिलाफ 10 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की. इस निर्णय से वैश्विक बाजारों में भी खलबली मची और भारतीय बाजार पर इसका नकारात्मक असर देखने को मिला.

भारतीय रुपया हुआ कमजोर

अमेरिका द्वारा शुल्क लगाने की घोषणा के बाद भारतीय रुपया भी डॉलर के मुकाबले कमजोर हो गया. रुपया रिकॉर्ड स्तर पर गिर गया और इसने भारतीय बाजार की स्थिति को और खराब किया.

बजट और वैश्विक दबाव के बीच बाजार की स्थिति

इस साल के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की थीं, जिनसे यह उम्मीद थी कि भारतीय शेयर बाजार को फायदा होगा. लेकिन अमेरिकी टैरिफ युद्ध के कारण वैश्विक बाजारों में गिरावट का असर भारतीय शेयर बाजार पर पड़ा.

वैश्विक बाजारों में भी गिरावट आई है, जैसे कि अमेरिकी बाजार में डाउ जोन्स, एसएंडपी 500 और नैस्डैक के प्रमुख सूचकांक में गिरावट देखी गई. डाउ जोन्स 337 अंक गिरा, जबकि एसएंडपी 500 में 30.64 अंक की गिरावट आई.

निफ्टी और सेंसेक्स में गिरावट

भारत में निफ्टी और सेंसेक्स में गिरावट का प्रमुख कारण ट्रंप के टैरिफ युद्ध का असर था. भारतीय बाजार में सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए. बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स भी 1.5 प्रतिशत तक नीचे गिर गए. प्रमुख कंपनियां जैसे हिंडाल्को, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, एलएंडटी, टाटा मोटर्स और टाटा स्टील में बड़ी गिरावट देखने को मिली. वहीं, मारुति सुजुकी और टाइटन कंपनी जैसी कंपनियों में कुछ हल्की बढ़त रही.