बदलेगा 60 साल पुराना कानून, केंद्र ने दी नए इनकम टैक्स बिल को मंजूरी, जानें आपके जीवन में क्या होंगे बदलाव?
नए विधेयक का उद्देश्य प्रत्यक्ष कर कानून को सरल, समझने में आसान बनाना है और इस पर कोई नया कर बोझ नहीं डालना है. इसमें लंबी धाराओं, प्रावधानों और स्पष्टीकरणों की जटिलता नहीं होगी.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को नए इनकम टैक्स बिल को मंजूरी दे दी है. सूत्रों के अनुसार, यह विधेयक छह दशक पुराने इनकम टैक्स एक्ट की जगह लेगा. यह कानून अगले हफ्ते संसद में पेश किया जाएगा और बाद में इसे वित्त संबंधी स्थायी समिति को भेजा जाएगा.
सरल और समझने में आसान होगा नया कानून
नए विधेयक का उद्देश्य प्रत्यक्ष कर कानून को सरल, समझने में आसान बनाना है और इस पर कोई नया कर बोझ नहीं डालना है. इसमें लंबी धाराओं, प्रावधानों और स्पष्टीकरणों की जटिलता नहीं होगी.
बजट में हुई थी घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 में घोषणा की थी कि नया टैक्स बिल संसद के मौजूदा सत्र में पेश किया जाएगा. मंत्री ने पहली बार जुलाई 2024 के बजट में इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की व्यापक समीक्षा की घोषणा की थी.
विशेषज्ञों की राय और सुझाव शामिल
सीबीडीटी ने समीक्षा की निगरानी के लिए एक आंतरिक समिति का गठन किया था और अधिनियम को संक्षिप्त, स्पष्ट और समझने में आसान बनाने के लिए, जो विवादों, मुकदमों को कम करेगा और करदाताओं को अधिक कर निश्चितता प्रदान करेगा, 22 विशेष उप-समितियां स्थापित की गई हैं. भाषा के सरलीकरण, मुकदमेबाजी में कमी, अनुपालन में कमी और अनावश्यक/अप्रचलित प्रावधानों सहित चार श्रेणियों में सार्वजनिक इनपुट और सुझाव आमंत्रित किए गए थे. इनकम टैक्स विभाग को इनकम टैक्स एक्ट की समीक्षा पर हितधारकों से 6,500 सुझाव मिले हैं.
बजट में मिली थी बड़ी राहत
निर्मला सीतारमण ने अपने बजट 2025 भाषण के दौरान घोषणा की थी कि 12 लाख रुपये प्रति वर्ष तक वेतन पाने वालों को कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा. उन्होंने कहा था, "मध्य वर्ग अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करता है. उनके योगदान को स्वीकार करते हुए, हमने समय-समय पर कर के बोझ को कम किया है. अब मैं यह घोषणा करते हुए खुश हूं कि 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं होगा."
उन्होंने छूट की सीमा को 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 12.75 लाख रुपये कर दिया था, जिसके बाद 12.75 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों को कोई टैक्स नहीं देना होगा. उन्होंने इस सीमा से ऊपर आय अर्जित करने वालों के लिए टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया, ताकि 25 लाख रुपये तक की आय वाले लोग टैक्स में 1.1 लाख रुपये तक की बचत कर सकें.