Union Budget 2025: इन दो वित्त मंत्रियों को नहीं मिला था बजट पेश करने का मौका, जानें वजह...
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बार अपने कार्यकाल का आठवां बजट प्रस्तुत करेंगी. स्वतंत्र भारत का पहला आम बजट देश के पहले वित्त मंत्री आरके शनमुखम चेट्टी द्वारा पेश किया गया था, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था.
Union Budget 2025: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज अपना लगातार आठवां आम बजट पेश करने जा रही हैं. यह भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण होगा, क्योंकि उन्होंने 2019 में देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बनने के बाद से लगातार सात बजट प्रस्तुत किए हैं. हालांकि, क्या आप जानते हैं कि स्वतंत्र भारत में दो ऐसे वित्त मंत्री भी रहे हैं जिन्हें बजट पेश करने का अवसर नहीं मिल सका? आइए जानते हैं उनके बारे में.
ये दो वित्त मंत्री नहीं पेश कर पाए थे बजट
आपको बता दें कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में क्षितिज चंद्र नियोगी (के.सी. नियोगी) और हेमवती नंदन बहुगुणा (एच.एन. बहुगुणा) ऐसे वित्त मंत्री रहे, जिन्हें बजट पेश करने का मौका नहीं मिल सका.
के.सी. नियोगी क्यों नहीं पेश कर सके बजट?
केसी नियोगी को 1949 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में अंतरिम वित्त मंत्री नियुक्त किया गया था. वह भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर और एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री थे. हालांकि, उनका कार्यकाल केवल 35 दिनों का ही रहा, जिसके चलते उन्हें बजट पेश करने का अवसर नहीं मिल पाया. बावजूद इसके, उन्होंने भारत की आर्थिक स्थिरता और वित्तीय नीतियों को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण काम किए.
एच.एन. बहुगुणा को क्यों नहीं मिला बजट पेश करने का मौका?
बता दें कि 1979 में हेमवती नंदन बहुगुणा को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार में वित्त मंत्री बनाया गया था. हालांकि, उनका कार्यकाल सिर्फ साढ़े पांच महीने का रहा, जिसके चलते वे बजट पेश नहीं कर सके. राजनीतिक अस्थिरता के कारण उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा और उनका कार्यकाल अधूरा रह गया.
पहला बजट और सबसे ज्यादा बजट पेश करने वाले वित्त मंत्री
स्वतंत्र भारत का पहला आम बजट 26 नवंबर, 1947 को आर.के. शनमुखम चेट्टी द्वारा पेश किया गया था. वहीं, सबसे ज्यादा 10 बजट पेश करने का रिकॉर्ड पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम है. उन्होंने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और लाल बहादुर शास्त्री के कार्यकाल में वित्त मंत्री रहते हुए ये बजट पेश किए.
सबसे लंबा और सबसे छोटा बजट भाषण कौन सा था?
सबसे लंबा बजट भाषण - वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2020 को दिया था, जिसकी अवधि 2 घंटे 40 मिनट रही.
सबसे छोटा बजट भाषण - हीरूभाई मुलजीभाई पटेल ने 1977 में दिया था, जिसमें सिर्फ 800 शब्द थे.
बजट पेश करने का समय और तारीख कैसे बदली?
पहले आम बजट को फरवरी के आखिरी दिन शाम 5 बजे पेश किया जाता था. लेकिन, 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने इसे सुबह 11 बजे पेश करने की परंपरा शुरू की. बाद में, 2017 से बजट की तारीख 1 फरवरी कर दी गई ताकि वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले संसद की मंजूरी ली जा सके.
बता दें कि केंद्रीय बजट 2025 को लेकर देश की जनता को बड़ी उम्मीदें हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह लगातार आठवां बजट कई मायनों में ऐतिहासिक होगा. वहीं, इतिहास में झांककर देखें तो कुछ वित्त मंत्री ऐसे भी रहे, जिन्हें बजट पेश करने का मौका ही नहीं मिला. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार का बजट भारतीय अर्थव्यवस्था और आम जनता के लिए क्या नया लेकर आता है.
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