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'टैरिफ के भयानक परिणाम होंगे, लंबे समय तक गहरा सकती है मंदी', फेड चेयरमैन पॉवेल ने दी चेतावनी

जेरोम पॉवेल ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नए शुल्क, जो उम्मीद से कहीं बड़े हैं, लंबे समय तक मुद्रास्फीति बढ़ा सकते हैं और आर्थिक विकास को धीमा कर सकते हैं. इससे फेड के नीतिगत फैसलों में जटिलता बढ़ेगी.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Tariffs will have dire consequences recession may deepen for a long time Fed Chairman Powell warned

अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नए शुल्क, जो उम्मीद से कहीं बड़े हैं, लंबे समय तक मुद्रास्फीति बढ़ा सकते हैं और आर्थिक विकास को धीमा कर सकते हैं. इससे फेड के नीतिगत फैसलों में जटिलता बढ़ेगी.

अनिश्चितता से भरा आर्थिक परिदृश्य

बिजनेस पत्रकारों के एक सम्मेलन में पॉवेल ने कहा, "हम एक अत्यधिक अनिश्चित परिदृश्य का सामना कर रहे हैं, जिसमें बेरोजगारी और मुद्रास्फीति दोनों के बढ़ने का जोखिम है." उन्होंने बताया कि यह जोखिम फेड के दोहरे लक्ष्य - 2 प्रतिशत मुद्रास्फीति और अधिकतम रोजगार - को कमजोर कर सकता है. पॉवेल ने शुल्कों के प्रभाव को रेखांकित करते हुए कहा, "अब यह स्पष्ट हो रहा है कि शुल्क वृद्धि उम्मीद से काफी बड़ी होगी. इसके आर्थिक प्रभाव भी बड़े होंगे, जिसमें उच्च मुद्रास्फीति और धीमी वृद्धि शामिल है."

फेड की नीति पर असमंजस
व्यापार नीतियों की अनिश्चितता ने फेड की ब्याज दरों पर फैसले को स्थगित कर दिया है. पॉवेल ने कहा, "हम नीति में किसी भी बदलाव पर विचार करने से पहले स्पष्टता की प्रतीक्षा करने की अच्छी स्थिति में हैं." उनका मानना है कि मौद्रिक नीति के लिए सही दिशा तय करना अभी जल्दबाजी होगी.

बाजार की उम्मीदें और फेड का रुख
वित्तीय बाजार इस साल आर्थिक मंदी से निपटने के लिए बड़ी ब्याज दर कटौती की उम्मीद कर रहे हैं. लेकिन पॉवेल के बयान से लगता है कि फेड जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाएगा. यदि शुल्कों से कीमतों में अस्थायी उछाल आता है, तो फेड इसे सहन कर सकता है, बशर्ते श्रम बाजार पर नजर रखी जाए.

मुद्रास्फीति का बड़ा खतरा
पॉवेल ने चिंता जताई कि लगातार मुद्रास्फीति उपभोक्ताओं के मूल्य स्थिरता पर भरोसे को हिला सकती है. उन्होंने जोर देकर कहा, "फेड का दायित्व है कि यह सुनिश्चित करे कि कीमतों में एक बार की वृद्धि चल रहे मुद्रास्फीति समस्या में न बदल जाए."