Quick E Commerce: भारत में फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स के क्षेत्र में हो रही तेजी से बढ़ते कंपटीशन ने एक नई चर्चा को जन्म दिया है. Bombay Shaving Company के संस्थापक और CEO, शांतनु देशपांडे ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन पर पोस्ट साझा करते हुए क्विक फूड डिलीवरी की समस्या और इसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों पर चिंता व्यक्त की. उनका कहना है कि भारत में स्वास्थ्य संकट की ओर बढ़ने के संकेत साफ हैं, और इसके लिए क्विक फूड डिलीवरी कंपनियां जिम्मेदार हैं, जो प्रोसेस्ड और जंक फूड के प्रसार को बढ़ावा दे रही हैं.
शांतनु देशपांडे ने अपनी पोस्ट में Zomato और Swiggy जैसी कंपनियों के क्विक कॉमर्स मॉडल पर सवाल उठाया. उन्होंने एक बातचीत का हवाला दिया, जिसमें एक फूड डिलीवरी कंपनी के संस्थापक ने बताया कि कुछ ऑर्डर्स को पकाने में सिर्फ 2 मिनट और डिलीवर करने में 8 मिनट लगते हैं. शांतनु ने इसे "पागलपन" करार देते हुए कहा कि इस तरह का खाना न केवल लोगों को अनहेल्दी भोजन की आदतों में लाकर डालता है, बल्कि इसके दूरगामी प्रभाव भारत के स्वास्थ्य पर भी हो सकते हैं.
देशपांडे ने भारत में जंक फूड की बढ़ती लोकप्रियता और इसके कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं पर भी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि हम ऐसे खाने पर निर्भर हो गए हैं जो पोषण में कमी वाले होते हैं, जैसे कि पाम ऑयल और चीनी से भरे प्रोसेस्ड फूड. उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 50 वर्षों में हमारे अनाजों में पोषण की कमी आई है, क्योंकि हमने कृषि उत्पादों के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित किया, न कि उनकी पोषण संबंधी गुणवत्ता पर.
देशपांडे का मानना है कि यदि इस दिशा में जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो भारत के भविष्य में स्वास्थ्य संबंधी संकट पैदा हो सकता है, जैसा कि पहले से ही अमेरिका और चीन में देखा जा चुका है.
शांतनु देशपांडे ने क्विक कॉमर्स फूड डिलीवरी , जैसे कि जोमाटो, स्विग्गी और जेप्टो से यह अपील की कि वे अपने उत्पादों के पोषण संबंधी पहलुओं पर ध्यान दें. उन्होंने इन कंपनियों से यह आग्रह किया कि वे सुनिश्चित करें कि उनका भोजन न केवल त्वरित हो, बल्कि पोषण से भरपूर भी हो. उन्होंने कहा, "अगर आप सच में इस क्षेत्र में क्रांति लाना चाहते हैं, तो कृपया सुनिश्चित करें कि आपका उत्पाद स्वादिष्ट और सेहतमंद हो."
देशपांडे ने इस क्षेत्र में काम करने वाले निवेशकों और संस्थापकों से भी यह सवाल किया कि वे इस समस्या को हल करने के बजाय, इसे अगले बड़े भारतीय क्विक कॉमर्स का हिस्सा क्यों बना रहे हैं. उनका मानना है कि क्विक कॉमर्स और जंक फूड का संयोजन भारतीय समाज के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.