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India Daily

Stocks Market: क्या शेयर बाजार फिर से हो गए गुलजार? सेंसेक्स और निफ़्टी बने रॉकेट

मंगलवार को भारतीय इक्विटी बेंचमार्क सूचकांक बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी 50 में जोरदार तेजी देखने को मिली. जहां बीएसई सेंसेक्स 75,300 के पार चला गया, जबकि निफ्टी 50 22,850 से ऊपर रहा.

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Edited By: Mayank Tiwari
आज का स्टॉक मार्केट अपडेट
Courtesy: Social Media

Stock market today: भारतीय इक्विटी बेंचमार्क सूचकांक बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी 50 ने मंगलवार (18 मार्च) को कारोबार में जोरदार तेजी दिखाई. जहां बीएसई सेंसेक्स 75,300 के पार चला गया, जबकि निफ्टी 50 22,850 के ऊपर पहुंच गया. वहीं, दोपहर 3:25 बजे बीएसई सेंसेक्स 75,377.22 पर कारोबार कर रहा था, जो कि 1,207 अंक (1.63%) की वृद्धि को दर्शाता है. निफ्टी 50 22,855.50 पर था, जो कि 347 अंक (1.54%) की बढ़त दिखा रहा था.

आज बाजार में खासकर वित्तीय और धातु क्षेत्र में सकारात्मक गति देखने को मिली. वैश्विक संकेतों, घरेलू कारकों और तकनीकी समर्थन के चलते बाजार की धारणा मजबूत हुई. ऐसे में निवेशक इस हफ्ते अमेरिकी फेडरल रिजर्व, जापान बैंक और इंग्लैंड बैंक से आने वाली महत्वपूर्ण नीतिगत घोषणाओं पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं, जिनसे यह उम्मीद जताई जा रही है कि तीनों केंद्रीय बैंक मौजूदा ब्याज दरों को बनाए रखेंगे. ET की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को BSE में लिस्टेड कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 4.03 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 397.20 लाख करोड़ रुपये हो गया.

मुख्य कारण जो BSE सेंसेक्स और Nifty50 के उछाल को बढ़ावा दे रहे 

  1. वैश्विक बाजार संकेत

भारतीय बाजारों ने वॉल स्ट्रीट और एशियाई एक्सचेंजों में मजबूत प्रदर्शन के साथ समानांतर बढ़त देखी.  हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स मंगलवार को 2% चढ़ा, जो तीन साल का उच्चतम स्तर था. चीन के आर्थिक दृष्टिकोण में बढ़ती उम्मीदें और उपभोक्ता नीति पहल ने बाजार भावना को बढ़ावा दिया.

  1. चीन के आर्थिक प्रोत्साहन उपाय

चीन सरकार ने घरेलू खपत को बढ़ावा देने के लिए नई पहलें शुरू की हैं, जैसे कि बच्चों की देखभाल के लिए समर्थन और एक विशेष उपभोग प्रोत्साहन कार्यक्रम शामिल है. इसने धातु उद्योग को लाभ पहुंचाया, जिससे हिंदाल्को इंडस्ट्रीज में 2% से अधिक की बढ़त देखने को मिली.

  1. अमेरिकी आर्थिक संकेतक

अमेरिकी खुदरा आंकड़ों में फरवरी में 0.2% की वृद्धि हुई, जिससे बाजार का विश्वास बढ़ा. हालांकि, ये आंकड़े अनुमानित लक्ष्यों से कम थे, जिससे टैरिफ शुल्क और हाल की सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरी में कमी की चिंता बनी रही.

  1. अमेरिकी डॉलर का कमजोर होना

अमेरिकी डॉलर अन्य प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले 5 महीने के निचले स्तर पर बना हुआ है. ऐसे में डॉलर इंडेक्स जनवरी के उच्चतम स्तर से लगभग 6% गिरा है, जिससे भारतीय रुपया भी मजबूत हुआ है.

  1. बर्गेन खरीदारी

भारतीय बाजारों ने सोमवार के सत्र से अपनी रिकवरी जारी रखी, जहां निवेशकों ने आकर्षक कीमतों पर शेयर खरीदे. ऐसे में विश्लेषकों का मानना है कि बाजार में सुधार के संकेत हैं, और घरेलू आर्थिक संकेतक सकारात्मक हैं, जैसे कि जीडीपी विकास दर में बढ़ोतरी और खुदरा बिक्री में सुधार होना शामिल है.

  1. रूस-यूक्रेन संघर्ष पर दुनिया की टिकीं निगाहें

वैश्विक बाजार भावना अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रूस और यूक्रेन संघर्ष के शांति वार्ता के संकेतों के बाद बदली है. ऐसे में शांति समझौते से ऊर्जा लागत में कमी आ सकती है, जो यूरोपीय अर्थव्यवस्थाओं के लिए फायदेमंद हो सकता है.

  1. बॉन्ड यील्ड और ब्याज दर अपेक्षाएं

अमेरिकी बॉन्ड बाजार में 10 वर्षीय ट्रेजरी यील्ड 4.31% तक बढ़ी, और 2 वर्षीय यील्ड में भी 4 बिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी देखी गई. इससे यह संकेत मिलता है कि फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती में देरी हो सकती है.

  1. तकनीकी विश्लेषण से संकेत

कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च प्रमुख श्रीकांत चौहान ने बताया कि दैनिक चार्ट में बुलिश कैंडल फॉर्मेशन और इंट्राडे चार्ट में उच्चतम निचले पैटर्न के संकेत हैं, जो ऊपर की ओर बढ़ने की संभावना को दर्शाता है.