Stock Market Fall: शेयर बाजार में लगातार सातवें दिन गिरावट, सेंसेक्स 32 अंक फिसला
बुधवार को कारोबार की शुरुआत सकारात्मक रुख के साथ हुई थी. वैश्विक बाजारों से मिले मिले-जुले संकेतों के कारण निवेशकों का भरोसा मजबूत बना हुआ था. हालांकि, जैसे-जैसे कारोबार आगे बढ़ा, बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला और अंततः बिकवाली का दबाव बढ़ने से प्रमुख सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए.
Stock Market Fall: घरेलू शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहा. लगातार सातवें सत्र में बाजार लाल निशान में बंद हुआ.
शुरुआती बढ़त के बावजूद, बिकवाली के दबाव के कारण बीएसई सेंसेक्स 32 अंक गिरकर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी भी मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ.
शुरुआती बढ़त के बाद बाजार में उतार-चढ़ाव
बुधवार को कारोबार की शुरुआत सकारात्मक रुख के साथ हुई थी. वैश्विक बाजारों से मिले मिले-जुले संकेतों के कारण निवेशकों का भरोसा मजबूत बना हुआ था. हालांकि, जैसे-जैसे कारोबार आगे बढ़ा, बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला और अंततः बिकवाली का दबाव बढ़ने से प्रमुख सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए.
सेंसेक्स और निफ्टी का प्रदर्शन
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 32 अंक या 0.05% की गिरावट के साथ बंद हुआ. दूसरी ओर, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी मामूली नुकसान के साथ बंद हुआ. आईटी, फार्मा और एफएमसीजी सेक्टर में बिकवाली हावी रही, जबकि कुछ चुनिंदा बैंकिंग और ऑटोमोबाइल शेयरों में खरीदारी देखने को मिली.
किन सेक्टर्स में दिखी गिरावट?
- आईटी और फार्मा सेक्टर: इन सेक्टर्स में निवेशकों ने मुनाफावसूली की, जिससे इनमें गिरावट दर्ज की गई.
- एफएमसीजी स्टॉक्स: उपभोक्ता वस्तुओं से जुड़े शेयरों में भी गिरावट देखी गई.
-बैंकिंग सेक्टर: कुछ चुनिंदा बैंकिंग शेयरों में मजबूती देखने को मिली, लेकिन व्यापक रूप से यह भी दबाव में रहा.
विश्लेषकों की राय
शेयर बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक बाजारों में मिले-जुले रुझानों और निवेशकों की सतर्कता के कारण घरेलू बाजार में कमजोरी बनी हुई है. एक विश्लेषक ने कहा, मौजूदा बाजार धारणा को देखते हुए निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है. लंबी अवधि के लिए निवेश करने वालों के लिए यह गिरावट एक अच्छा अवसर हो सकता है.
आगे क्या रहेगा ट्रेंड?
विशेषज्ञों के अनुसार, बाजार की आगे की चाल वैश्विक संकेतकों, विदेशी निवेश प्रवाह और घरेलू आर्थिक आंकड़ों पर निर्भर करेगी. अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीति और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव भी बाजार की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.