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India Daily

Stock market crash today: ताश के पत्ते की तरह ढहा शेयर बाजार, सेंसेक्स 1,414, निफ्टी 420 अंक गिरा

शेयर बाजार में शुक्रवार को भारी बिकवाली के चलते सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट देखने को मिली. बीएसई सेंसेक्स 1,414 अंकों (1.9%) की गिरावट के साथ 73,198 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 इंडेक्स 420 अंकों (1.86%) की गिरावट के साथ 22,124 पर बंद हुआ.

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Edited By: Mayank Tiwari
शेयर बाजार में भारी गिरावट
Courtesy: Social Media

Stock Market Crash: भारतीय शेयर मार्केट के लिए शुक्रवार (28 फरवरी) का दिन 'ब्लैक फ्राइडे' साबित हुआ. सेंसेक्स 1400 अंक गिरकर 73,198 पर बंद हुआ तो वहीं निफ्टी 420 अंक गिरकर 22,124 पर बंद हुआ. जिसमें आईटी और ऑटो शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से नए टैरिफ टिप्पणियों और धीमी होती अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर चिंताओं के बीच बेंचमार्क सूचकांक शुक्रवार को तेजी से नीचे बंद हुए, जिसमें बीएसई सेंसेक्स में 1,400 अंकों से ज्यादा की गिरावट आई और निफ्टी 50 22,150 से नीचे फिसल गया.

आज शेयर बाजार में फिर मचा हाहाकार! 

वहीं, बीएसई सेंसेक्स 1,414 अंक या 1.9% गिरकर 73,198 पर आ गया, जबकि एनएसई निफ्टी 420 अंक या 1.86% गिरकर 22,124 पर आ गया. बीएसई में लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल मार्केट पूंजीकरण 8.9 लाख करोड़ रुपये घटकर 384.22 लाख करोड़ रुपये रह गया.

IT और ऑटो स्टॉक्स में सबसे ज्यादा गिरावट

चिपमेकर एनवीडिया में गिरावट के बाद वॉल स्ट्रीट पर रातोंरात नुकसान के बाद निफ्टी आईटी इंडेक्स के शेयरों में 6.5% तक की गिरावट आई. जिसमें टेक महिंद्रा, विप्रो और एमफैसिस सबसे ज्यादा नुकसान झेलने वाले शेयर रहे. इस बीच, निफ्टी ऑटो इंडेक्स करीब 4% कम होकर बंद हुआ, जबकि निफ्टी बैंक, मेटल, मीडिया, एफएमसीजी, फार्मा, रियल्टी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और ऑयल एंड गैस इंडेक्स में 0.7%-3.5% की गिरावट आई.

शेयर बाजार में गिरावट के 5 प्रमुख कारण!

1) जीडीपी डेटा से पहले निवेशकों में अनिश्चितता

भारत की दिसंबर तिमाही के जीडीपी आंकड़े शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद जारी किए जाएंगे. आर्थिक विकास दर में सुस्ती, कॉर्पोरेट आय में गिरावट और विदेशी निवेशकों की बिकवाली के चलते बाजार में मंदी का माहौल है.

विश्लेषकों के मुताबिक, निवेशक भारतीय अर्थव्यवस्था की रिकवरी पर नजर बनाए हुए हैं। एक रॉयटर्स पोल के अनुसार, भारत की जीडीपी इस तिमाही में संभवतः सुधार की ओर बढ़ रही है.

2) ट्रंप की टैरिफ नीति से वैश्विक बाजार में हलचल

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा और मैक्सिको से आयात पर 25% शुल्क लगाने की घोषणा कर दी है, जो अब 4 मार्च से लागू होगा. इसके अलावा, चीन से आयातित वस्तुओं पर 10% शुल्क और यूरोपीय संघ से आने वाले सामानों पर 25% शुल्क लगाने की चेतावनी दी गई है.

विश्लेषकों का कहना है कि इस फैसले से वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गई है, जिससे बाजार में भारी गिरावट आई है.

3) आईटी शेयरों में भारी बिकवाली

वॉल स्ट्रीट पर एनवीडिया और अन्य टेक्नोलॉजी कंपनियों के शेयरों में गिरावट के बाद भारतीय आईटी कंपनियों पर भी दबाव बना. जिसके चलते निफ्टी आईटी इंडेक्स में 4.2% की गिरावट दर्ज की गई, जिसमें टेक महिंद्रा, विप्रो और एमफैसिस 5% से 6.5% तक टूटे.

4) डॉलर इंडेक्स में तेजी

वहीं, अमेरिकी डॉलर इंडेक्स 107.36 के स्तर पर पहुंच गया, जिससे वैश्विक बाजार में अस्थिरता बढ़ी. एक मजबूत डॉलर उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए नकारात्मक साबित होता है, क्योंकि यह विदेशी निवेश को महंगा कर देता है और इक्विटी बाजारों से पूंजी के बहिर्वाह को बढ़ाता है.

5) विदेशी निवेशकों (FII) की लगातार बिकवाली

साल 2025 में अब तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FII) ने भारतीय बाजार से 1,13,721 करोड़ रुपये निकाले हैं. अकेले फरवरी में एफआईआई ने 47,349 करोड़ रुपये की बिकवाली की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 52,544 करोड़ रुपये की नेट खरीदारी की.