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Stock Market Crash: भारतीय शेयर बाजार में हाहाकार, लाल निशान में सेंसेक्स-निफ्टी; जानें गिरावट की बड़ी वजह

Indian Stock Market Fall: शेयर बाजार में गिरावट का दौर जारी है. सुबह लगभग 10:06 बजे, एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स 698.89 अंक की कमी के साथ 75,596.47 पर पहुंच गया, जबकि एनएसई निफ्टी 50 269.50 अंक गिरकर 22,980.60 पर ट्रेड कर रहा था.

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Edited By: Ritu Sharma
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Courtesy: Social Media

Share Market: अमेरिका की वॉल स्ट्रीट में मची उथल-पुथल का सीधा असर शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार पर पड़ा. शुरुआती कारोबार में ही सेंसेक्स 700 अंक से ज्यादा लुढ़क गया, वहीं निफ्टी ने भी करीब 270 अंक की गिरावट दर्ज की. सबसे ज़्यादा झटका आईटी, ऑटो और मेटल सेक्टर के शेयरों को लगा.

बता दें कि सुबह करीब 10:06 बजे, एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स 698.89 अंक की गिरावट के साथ 75,596.47 पर पहुंच गया, जबकि एनएसई निफ्टी 50 में 269.50 अंक की गिरावट दर्ज हुई और यह 22,980.60 पर कारोबार करता दिखा.

ट्रंप की टैरिफ नीति से फैली अनसर्टेनिटी 

बताते चले कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित पारस्परिक टैरिफ की वजह से वैश्विक बाजारों में बेचैनी फैल गई है. इसका असर भारतीय बाजार पर भी साफ दिखाई दिया. विशेषज्ञों का मानना है कि इस टैरिफ युद्ध से वैश्विक मंदी की आशंका बढ़ गई है.

वहीं डेजर्व के सह-संस्थापक वैभव पोरवाल ने कहा, ''टैरिफ के चलते निकट भविष्य में बाजार अस्थिर रह सकता है. ऐसी स्थिति में सिर्फ चुनिंदा शेयरों में फायदा दिखेगा, इसलिए स्टॉक का चयन बहुत सोच-समझकर करना होगा.''

टाटा मोटर्स, हिंडाल्को और रिलायंस जैसे दिग्गजों को झटका

टाटा मोटर्स के शेयरों में करीब 5% की गिरावट आई है, खासतौर पर अमेरिका में जेएलआर (जगुआर लैंड रोवर) की बिक्री को लेकर चिंता के चलते. इसके अलावा हिंडाल्को, टाटा स्टील, एलएंडटी और जेएसडब्ल्यू स्टील जैसे दिग्गजों के शेयर भी दबाव में रहे. रिलायंस इंडस्ट्रीज भी 2.3% तक टूट गई.

अनसर्टेनिटी बनी रहेगी, फार्मा और उपभोक्ता सेक्टर पर रखें नजर

हालांकि, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के वीके विजयकुमार ने कहा, ''बाजार इस समय भारी अनिश्चितता से गुजर रहा है. ट्रंप की नीति से व्यापार युद्ध की शुरुआत हो गई है और अन्य देश भी जवाबी टैरिफ ला सकते हैं. इससे असमंजस और बढ़ेगा.'' उन्होंने आगे कहा, ''वैश्विक ग्रोथ में गिरावट तय लग रही है और इसका असर भारत पर भी होगा. ऐसे में निवेशक अभी सतर्क रहें और फार्मा जैसे डिफेंसिव सेक्टरों पर ध्यान दें.''