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SENSEX में गुरुवार को 200 अंको की गिरावट; जानें कौन रहा टॉप लूजर और गेनर?

Stock Market Closing: गुरूवार को शेयर बाजार भारी गिरावट के साथ बंद हुआ. सेंसेक्स में 200 से भी अधिक अंको की गिरावट हुई. वहीं NSE निफ्टी 50 में भी 19.75 अंकों की गिरावट दर्ज की गई. इसके अलावा मारुति और एचडीएफसी बैंक जैसे हैवीवेट शेयरों में 2% से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है.

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Edited By: Shanu Sharma
Stock Market Closing
Courtesy: Social Media

Stock Market Closing: प्रमुख वित्तीय शेयरों में गुरुवार को भारी गिरावट देखी गई. जिसके कारण लाल निशान पर बाजार बंद हुआ.एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स 203.22 अंक गिरकर 75,735.96 पर बंद हुआ. यानी की 0.27 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. वहीं  NSE Nifty 50 19.75 अंक गिरकर 22,913.15 पर बंद हुआ. 

इसके विपरीत ज्यादातर व्यापक बाजार सूचकांकों में सुधार देखा गया, जिससे बाजार निवेशकों को राहत मिली. कारोबार सत्र के दौरान अस्थिरता में भी तेजी से गिरावट आई. मारुति और एचडीएफसी बैंक जैसे हैवीवेट शेयरों में 2% से अधिक की गिरावट आई. जिससे कुल मिलाकर बाजार में कमजोरी आई. 

कौन लूजर और कौन गेनर?

टेक महिंद्रा, एचसीएलटेक और आईटीसी में भी कारोबार सत्र के दौरान लूजर की लिस्ट में सबसे आगे रहा. दूसरी ओर एनटीपीसी, एमएंडएम, अदानी पोर्ट्स, टाटा स्टील और टाटा मोटर्स टॉप गेनर रहा. बाजार में आए इस उथल-पुथल के पीछे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भी हाथ माना जा रहा है. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर का कहना है कि भारतीय वस्तुओं पर संभावित अमेरिकी टैरिफ को लेकर बढ़ती चिंताओं के कारण घरेलू इक्विटी सूचकांकों में मामूली गिरावट देखी गई. उन्होंने इसके अलावा प्रस्तावित व्यापार नीति से मुद्रास्फीति संबंधी दबाव बढ़ने की उम्मीद जताई है, क्योंकि फेड के नवीनतम मिनट संकेत देते हैं कि ब्याज दर में कटौती में देरी हो सकती है.

निवेशकों की बढ़ी परेशानी 

नायर ने कहा कि व्यापक बाजार ने शुरुआती सुधार दिखाया, जिसे घरेलू मुद्रास्फीति में नरमी और हाल ही में आरबीआई द्वारा दर में कटौती के कारण वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही से खपत में सुधार की उम्मीदों से समर्थन मिला. मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रशांत तापसे का कहना है कि कमजोर एशियाई बाजार संकेतों ने घरेलू बाजार में पूरे सत्र में नकारात्मक पूर्वाग्रह के साथ मूड को सुस्त बनाए रखा, क्योंकि निवेशक सावधानी के साथ व्यापार करना जारी रखते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि पिछले कुछ महीनों में बड़ी संख्या में भारतीय इक्विटी से बाहर निकलने वाले एफआईआई निवेशकों को परेशान कर रहे हैं, जिससे जोखिम से बचने की प्रवृत्ति बढ़ रही है.