Share Market News: भारत के शेयर बाजार ने मंगलवार को जोरदार वापसी की, जिससे निवेशकों को राहत मिली. सोमवार को आई भारी गिरावट के बाद, मंगलवार को बाजार में तेजी ने सभी को चौंका दिया. सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने मजबूत उछाल दिखाया, और यह तेजी निवेशकों के लिए एक सुकून देने वाली खबर थी.
सोमवार की गिरावट के बाद बाजार में आई तेजी
सोमवार को वैश्विक व्यापार युद्ध और आर्थिक मंदी की चिंताओं के चलते भारतीय शेयर बाजार ने लगभग 3% की गिरावट देखी थी. सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने अपने-अपने महत्वपूर्ण स्तरों को खो दिया था. लेकिन मंगलवार को बाजार ने इस गिरावट से उबरते हुए तेज़ी से उछाल लिया. सेंसेक्स 1,505.83 अंक बढ़कर 74,643.73 तक पहुंच गया, जबकि निफ्टी 476.70 अंक चढ़कर 22,638.30 पर पहुंच गया. इस तरह से दोनों प्रमुख सूचकांक 2% से अधिक बढ़ गए.
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वैश्विक संकेतों से सकारात्मक रुझान: मंगलवार को एशियाई बाजारों में भी सुधार देखा गया, जिससे निवेशकों में उम्मीद की लहर दौड़ी. अमेरिका में शेयर फ्यूचर्स में भी हल्की रिकवरी आई, और अधिकांश एशियाई बाजार हरे निशान में थे. इससे भारत के बाजारों को भी समर्थन मिला और निवेशकों का विश्वास बढ़ा. इसके कारण भारतीय शेयर बाजार में तेजी आई.
तकनीकी समर्थन से बाजार को मजबूती: सोमवार को भारी गिरावट के बावजूद निफ्टी 22,000 के महत्वपूर्ण स्तर के ऊपर बना रहा. यह स्तर बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीकी समर्थन था, जो बाजार को नीचे गिरने से रोकने में मददगार साबित हुआ. इक्विटी रणनीतिकार क्रांति बठिनी ने कहा, "हालांकि बाजार में गिरावट आई, लेकिन निफ्टी 22,000 के स्तर को बनाए रखते हुए तेजी की ओर बढ़ा."
वैश्विक व्यापार तनाव पर कुछ स्पष्टता: यूएस और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध को लेकर निवेशकों में कुछ राहत देखने को मिली. विशेषज्ञों का मानना है कि यह तनाव अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को अधिक प्रभावित नहीं करेगा. इसके साथ ही, भारत और अमेरिका के बीच भी बातचीत जारी है, जो बाजार के लिए सकारात्मक संकेत है. विशेष रूप से, अमेरिकी सरकार द्वारा फार्मास्युटिकल उत्पादों पर टैरिफ लगाने की संभावना कम होने से फार्मा सेक्टर के लिए भी अच्छा माहौल बना.
क्या आगे भी भागेगा बाजार?
आज बाजार में तेजी आई है, फिर भी विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों को अभी सतर्क रहने की आवश्यकता है. वैश्विक व्यापार तनाव और अमेरिकी मंदी की चिंता अभी भी बनी हुई है. इसके अलावा, अगर अमेरिका चीन पर 50% टैरिफ लागू करता है, तो इसका असर वैश्विक धातु कीमतों पर भी पड़ सकता है.
डॉ. वी.के. विजयकुमार, जो ज्योजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार हैं, ने कहा, "भारत की आर्थिक स्थिति स्थिर है, और हम FY26 में लगभग 6% की वृद्धि देख सकते हैं. इसलिए दीर्घकालिक निवेशकों के लिए बड़े वित्तीय कंपनियों जैसे उच्च गुणवत्ता वाले बड़े शेयरों में निवेश करना अच्छा विकल्प हो सकता है."