Share Market: डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ ने इंटरनेशनल लेवल पर आंतक मचा रखा है. टैरिफ के आंतक से भारतीय शेयर बाजार भी नहीं बच सका. बुधवार को इंडियन शेयर मार्केट में इसका असर साफ देखा गया. आईटी, मेटल, फॉर्मा से लेकर पब्लिक सेक्टर्स के स्टॉक्स मुंह के बल गिरे. इन सबके बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने जीडीपी ग्रोथ रेट को 6.7 से कम करके 6.5 कर दिया. इसके साथ ही RBI ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती भी की. बॉम्बे स्टॉक एक्सेंच में लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप 2.5 लाख करोड़ घटा. 8 अप्रैल को इन कंपनियों का मार्केट कैप 396.57 लाख करोड़ था जो 9 अप्रैल को 393.96 लाख करोड़ तक आ गया. यानी सीधे तौर पर निवेशकों को 2.61 लाख करोड़ रुपये का घाटा हुआ.
बुधवार को भारतीय शेयर बाजार का सेंसेक्स 379.93 अंक गिरकर 73,847.15 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी में 136.70 अंक की गिरावट देखी गई. इस गिरावट के साथ निफ्टी फिफ्टी 22,399.15 के स्तर पर बंद हुआ.
FMCG स्टॉक्स ने किया अच्छा प्रदर्शन
FMCG स्टॉक्स ने अच्छा प्रदर्शन किया. इन स्टॉक्स में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई. RBI के रेपो रेट में कौटती करने रेट कट और कम महंगाई अनुमान से नए वित्तीय वर्ष में मजबूत मांग की उम्मीदें बनीं. Nifty Consumer Durables में भी मामूली 0.3 प्रतिशत की बढ़त देखी गई. दूसरी ओर, Nifty IT सबसे ज्यादा गिरा, 2 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट के साथ, क्योंकि टैरिफ्स को लेकर चिंताएं बनी रही. फार्मा और मेटल स्टॉक्स में भी 1.8 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई. वहीं, PSU बैंक और रियल्टी में 1 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट रही. Nifty बैंक भी 0.54 प्रतिशत गिरा.
आरबीआई का रेपो दर को 6.0% तक घटाने का फैसला एक सकारात्मक कदम है. इससे रियल एस्टेट सेक्टर को फायदा पहुंचाएगा. जैसे-जैसे महंगाई कम हुई है और तेल की कीमतें घटीं हैं, यह नीति एक विकास-प्रेरित कदम है, खासकर अमेरिकी टैरिफ जैसे वैश्विक संकटों के बीच.