निफ्टी में ऐतिहासिक गिरावट, 1996 में लॉन्च होने के बाद 29 साल की सबसे लंबी डेली गिरावट
इस गिरावट का मुख्य कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडा और मेक्सिको पर 25% टैरिफ लगाने के अलावा चीन के सामान पर 20% टैरिफ की घोषणा है. इसके बाद ट्रंप ने घोषणा की कि 2 अप्रैल से अतिरिक्त प्रतिकारक टैरिफ लगाए जाएंगे,
भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं, इस हफ्ते में कारोबारी दिन निफ्टी में भारी गिरावट देने को मिली है. जहां निफ्टी50 इंडेक्स ने अपनी शुरुआत के बाद से अब तक की सबसे लंबी गिरावट दर्ज की है. साल 1996 में अपनी शुरुआत के बाद से यह इंडेक्स अब तक की सबसे लंबी 10 दिन की गिरावट से गुजर रहा है. बता दें कि, यह गिरावट विदेशी निवेशकों द्वारा निरंतर बिकवाली और कारोबार युद्ध के बढ़ते खतरे जैसी कई कारणों से हुई है.
निफ्टी और सेंसेक्स में गिरावट का प्रभाव
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, निफ्टी50 इंडेक्स 36.65 अंकों की गिरावट के साथ 22,082.65 पर बंद हुआ, जबकि सेंसेक्स 96.01 अंकों की गिरावट के साथ 72,989.93 पर आकर स्थिर हुआ. गौरतलब है कि पिछले 10 सालों में निफ्टी में लगभग 4% की गिरावट आई है. ऐसे में यह अब सितंबर में अपने रिकॉर्ड उच्चतम स्तर से 16% नीचे आ चुका है.
टैरिफ युद्ध का बढ़ता खतरा
इस गिरावट का मुख्य कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडा और मेक्सिको पर 25% टैरिफ लगाने के अलावा चीन के सामान पर 20% टैरिफ की घोषणा है. इसके बाद ट्रंप ने घोषणा की कि 2 अप्रैल से अतिरिक्त प्रतिकारक टैरिफ लगाए जाएंगे, जिससे वैश्विक कारोबार से जुड़ी युद्ध की चिंताएं और बढ़ गईं हैं.
चीन की प्रतिक्रिया और बाजार में अस्थिरता
चीन ने इसके जवाब में अमेरिकी कृषि और खाद्य उत्पादों पर 10-15% आयात शुल्क बढ़ा दिया, जिससे वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता और बढ़ गई.
एक्सपर्ट ने दी अपनी प्रतिक्रिया!
इस बीच जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "घरेलू बाजार ने आज के निचले स्तर से सुधार दिखाया, लेकिन बढ़ते वैश्विक व्यापार तनाव से संबंधित प्रतिकूल वैश्विक संकेतों के कारण यह नकारात्मक क्षेत्र में बना रहा. फिलहाल, मार्केट के प्रतिभागी सतर्क बने हुए हैं और वे वैश्विक घटनाक्रमों पर नजर रख रहे हैं, जो निकट भविष्य में घरेलू इक्विटी की दिशा को आकार दे सकते हैं.